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पालिका के दुकान किरायेदार तथा पालिका अध्यक्ष के बीच चली तनातनी..

पालिका के दुकान किरायेदार तथा पालिका अध्यक्ष के बीच चली तनातनी..

वार्षिक किराया कम करने पर व्यापारियों ने खोला मोर्चा

अधिशासी अधिकारी ने व्यापारियों को किराया जमा करने का भेजा नोटिस

सहसवान।नगर पालिका परिषद की दुकानों के किराएदार व्यापारियों ने विगत दिनों बोर्ड की बैंठक में दुकानों के किराए में की गई बेतहाशा वृद्धि को लेकर व्यापारियों तथा पालिका अध्यक्ष के बीच चली रार थमने का नाम नहीं ले रही यह रार क्या गुल खिलाएगी यह तो भविष्य के गर्त में छिपा है हां इतना अवश्य है।कि इसमें छोटे तबके के व्यापारियों जो अपने दोजून की रोटी के लिए चंद पूंजी लगाकर जैसे-तैसे अपने परिवार की आय का साधन जुटा रहे हैं।उनके लिए तो यह खबर हैरानी वाली है।क्योंकि जब भी दो बड़े लोगों में जंग हुई है।तो नुकसान छोटे तबके के लोगों को हुआ है।ऐसा ही नुकसान बाजार विल्सनगंज के नगर पालिका परिषद की दुकानों में बैठकर अपनी अजीब कोपार्जन चला रहे व्यापारियों को उठाना पड़ेगा।

जबकि बड़े धन्ना सेठ व्यापारियों पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ेगा किराया वृद्धि के समाधान के लिए किसी भी जनप्रतिनिधि ने नगर पालिका अध्यक्ष तथा व्यापारियों के मध्य कोई भी विगत कई वर्षों से चला आ रहा किराए विवाद का मामला पटाक्षेप कराने का कोई प्रयास नहीं किया अगर कोई जनप्रतिनिधि बैठकर प्रयास करता तो कोई ना कोई प्रयास सार्थक आवश्यक होता अब क्योंकि अब मामला नगर पालिका अध्यक्ष के हाथ से जहां निकल चुका है।वहीं चंद व्यापारियों ने भी दुकानों के किराए का मुद्दा अपनी नाक का बाल बना लिया है ऐसा नहीं की पालिका अध्यक्ष ने व्यापारी यो को समझौते के लिए आमंत्रित ना किया हो परंतु चद व्यापारियों ने भी समझौता करने का या व्यापारियों को अपने पक्ष में करने का कोई प्रयास नहीं किया अगर वह ऐसा करते तो शायद दुनिया में कोई ऐसी समस्या नहीं है जिसका समाधान नहीं होता।
नगर पालिका अध्यक्ष मीर हादी अली उर्फ बाबर मियां के निर्देश पर अधिशासी अधिकारी डॉ राजेश कुमार ने गत 1 अप्रैल वर्ष 2021 से दुकानों का किराया बकाया चले आ रहे 376 दुकानदारों मैं 128 दुकानदारों को तत्काल तीन वर्ष का किराया जमा करने की निर्देश दिए हैं अन्यथा की स्थिति में नगर पालिका परिषद उपरोक्त किराएदार के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए बाध्य होगी जिसकी जिम्मेदारी स्वयं व्यापारियों की होगी नोटिस मिलते ही व्यापारियों में हड़कंप मच गया।

इधर पालिका अध्यक्ष मीर हादी अली उर्फ बाबर मियां ने स्पष्ट रूप से कहा की की दुकानों पर जो किराया पूर्व में चला आ रहा था वह वर्ष 1970 के आसपास का चल रहा था जिसमें थोड़ी बहुत वृद्धि हुई थी शासन ने भी वित्तीय क्षेत्र में नगर पालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु लगातार निर्देशित कर रही है।की स्थानीय निकाय को नया कर निर्धारण कर स्वयं आत्मनिर्भर बने उसी कड़ी में नगर पालिका परिषद बोर्ड की बैठक में 1 अप्रैल वर्ष 2021 से प्रत्येक नगर पालिका की दुकान का किराया ₹2000 प्रतिमाह निर्धारित किया गया था जिसका कुछ व्यापारियों ने विरोध किया था इसी विरोध के चलते व्यापारियों को किराए में 50% की कमी करते हुए ₹1000 प्रति महा दुकान का किराया का प्रस्ताव बोर्ड की बैठक में 14 मार्च वर्ष 2024 को पारित प्रस्ताव संख्या 2 के अंतर्गत सर्व समिति से पारित किया गया मार्च 2021 से पूर्व किराया ही व्यापारियों से लिया जाएगा।

इसके बाद 14 मार्च वर्ष 2024 को बोर्ड प्रस्ताव द्धारा पारित प्रस्ताव के बाद पालिका की प्रत्येक दुकान का किराया ₹1000 प्रतिमाह निर्धारित किया गया है जिसे व्यापारियों को जमा करना आवश्यक है पालिका अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने 14 मार्च वर्ष 2024 से पूर्व कई बार व्यापारियों को किराए की समस्या के समाधान के लिए बुलाया भी था।परंतु व्यापारी नहीं आए जिसके कारण समस्या उलझती चली गई।
बताया जाता है की 14 मार्च वर्ष 2024 को बोर्ड के पारित प्रस्ताव संख्या दो पर ₹1000 प्रतिमाह का प्रस्ताव बोर्ड सदस्यों द्वारा पारित किया गया है बोर्ड सदस्यों द्धारा पारित किए गए प्रस्ताव के उपरांत किराए में कटौती करने का मामला भी पालिका अध्यक्ष के हाथ से निकल गया है।अब चाहकर भी पालिका अध्यक्ष इसमें कटौती नहीं कर सकते जानकार सूत्रों का कहना है की शासन के स्पष्ट निर्देश हैं की नगर पालिका स्वयं आत्मनिर्भर बने इसके लिए वह अपने हाउस टैक्स वॉटर टैक्स के अलावा पार्किंग शुल्क शुल्क प्रचार प्रसार शुल्क आदि में वृद्धि करके अपना बजट स्वयं बनाएं और प्राप्त बजट से ही अपने विकास कार्यों पर खर्च करें।
व्यापार मंडल द्धारा नगरपालिका अध्यक्ष से दुकानों के किराए में की गई बेतहाशा वृद्धि को काम किए जाने कि जहां बार-बार मांग की जा रही है वहीं पालिका अध्यक्ष ने भी 14 मार्च वर्ष 2024 को पालिका परिषद की बुलाई बैठक में प्रस्ताव संख्या दो पर दुकान का किराया ₹1000 का प्रस्ताव सदस्यों से पारित कराकर किराया कम करने कि व्यापारियों की मांग पर पानी फेर दिया।

जानकार सूत्रों का कहना है।कि अब पालिका अध्यक्ष द्वारा बोर्ड की बैठक में दोबारा दुकानों के किराए पर चर्चा तो की जा सकती है परंतु किराया कम किया नहीं जा सकता क्योंकि प्रस्ताव की प्रति मंडलायुक्त बरेली को भी प्रेषित की जाती है।बताया तो यहां तक जाता है की किराया कम करने की हैसियत अब पालिका अध्यक्ष बकलो बोर्ड की भी नहीं है अब व्यापारियों के पास दुकान का किराया कम करने के लिए बरेली मंडल आयुक्त ही शेष बचे हैं सिर्फ मंडलायुक्त ही व्यापारियों की समस्या सुनकर समाधान कर सकते हैं।रिपोर्ट-एस.पी सैनी

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