प्राइवेट पार्ट्स को छूना रेप का प्रयास नहीं… हाईकोर्ट के इस फैसले पर Supreme Court ने लगाई रोक

नई दिल्ली : Supreme Court ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी है। जिसमें इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा था कि नाबालिग के प्राइवेट अंगों को पकडऩा रेप का प्रयास नहीं है। आज इस फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट के जज की संवेदनशीलता की कमी को देखकर दुख हुआ, जिन्होंने यह आदेश दिया था।

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सुनवाई में मौजूद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कुछ फैसले ऐसे होते हैं कि उन पर रोक लगाना जरूरी हो जाता है।इस फैसले के पैराग्राफ 21, 24 और 26 में जिस तरह की बातें लिखी हैं, उनसे लोगों में बहुत गलत मैसेज गया है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को भी यह देखना चाहिए कि इस जज को संवेदनशील मामलों की सुनवाई करने न दिया जाए।

Supreme Court ने कहा कि हाईकोर्ट के जज की संवेदनशीलता की कमी को देखकर दुख हुआ, जिन्होंने यह आदेश दिया

हाईकोर्ट ने 17 मार्च को फैसला सुनाया था कि केवल स्तन पकडऩा और पजामा का नाड़ा तोडऩा बलात्कार का अपराध नहीं है, ऐसा अपराध किसी महिला के खिलाफ हमला या आपराधिक बल के इस्तेमाल के दायरे में आता है, जिसका उद्देश्य उसे निर्वस्त्र करना या नग्न होने के लिए मजबूर करना है।

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