मुंबई। शिवसेना प्रवक्ता Sanjay Nirupam ने बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में हुई भगदड़ को कांग्रेस सरकार की विफलता करार दिया। उन्होंने कहा कि आरसीबी की जीत का राजनीतिक लाभ लेने के लिए सरकार ने जल्दबाजी में जश्न का आयोजन किया, लेकिन सुरक्षा इंतजामों की घोर अनदेखी की। इस घटना में कई लोगों की जान चली गई, यह गंभीर लापरवाही का परिणाम है।
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Sanjay Nirupam ने कहा कि सरकार ने दिखावे के लिए कुछ अधिकारियों को निलंबित किया और एफआईआर दर्ज की, लेकिन असली जिम्मेदारों को बचाने की कोशिश की गई है। मेरा मानना है कि कांग्रेस सरकार को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए और पीड़ितों के साथ न्याय होना चाहिए।
मीठी नदी की सफाई के नाम पर हुए कथित घोटाले पर Sanjay Nirupam ने पूर्ववर्ती सरकार पर निशाना साधा। संजय निरुपम ने कहा कि मीठी नदी की सफाई के नाम पर करोड़ों रुपए बर्बाद किए गए हैं। वर्षों तक मातोश्री के राज में यह भ्रष्टाचार चलता रहा। हाल ही में आदित्य ठाकरे के करीबी माने जाने वाले एक व्यक्ति को मुंबई पुलिस ने पकड़ा है, जो सफाई में लगी मशीनों की सप्लाई करने वाली कंपनियों और दलालों से जुड़ा था।
ईडी इस पूरे घोटाले की जांच कर रही है और संभव है कि आने वाले दिनों में इसकी आंच आदित्य ठाकरे तक भी पहुंचे। अब यह घोटाला केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि गंभीर आर्थिक अपराध का मामला बन गया है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत के हालिया बयान का समर्थन करते हुए Sanjay Nirupam ने पाकिस्तान की भारत विरोधी नीतियों की कड़ी आलोचना की। संजय निरुपम ने कहा कि पाकिस्तान शुरू से ही भारत विरोधी चाल चलता आया है।
वह आतंकवादियों को फंडिंग और इन्फ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराकर भारत के खिलाफ साजिश रचता है। यह उसका दोहरा चरित्र है, जिसे अब पूरी दुनिया पहचान चुकी है। पाकिस्तान भारत को बदनाम कर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सहानुभूति बटोरने की कोशिश करता है। ऐसे में अगर कोई भारतीय पाकिस्तान के प्रति सहानुभूति दिखाता है, तो वह निंदनीय है। देश को एकजुट होकर पाकिस्तान के खिलाफ खड़ा होना चाहिए, क्योंकि अब समय आ गया है कि उसे करारा जवाब दिया जाए।
Sanjay Nirupam सरकार ने दिखावे के लिए कुछ अधिकारियों को निलंबित किया
बकरीद के अवसर पर निरुपम ने सौहार्द और शांति का संदेश दिया। संजय निरुपम ने कहा कि यह त्योहार आपसी सौहार्द और शांति का प्रतीक होना चाहिए। सभी धर्मों का सम्मान जरूरी है। उन्होंने कहा कि कई लोग सार्वजनिक स्थानों पर मांस या शराब का प्रदर्शन कर युवाओं की भावनाएं आहत करते हैं, जो गलत है।
किसी की धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाकर राजनीति नहीं होनी चाहिए। त्योहार का सम्मान करते हुए ऐसा कोई काम न हो जिससे समाज में तनाव फैले। सभी को मिलकर सौहार्दपूर्ण और शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखना चाहिए।

