मुख्यमंत्री Rekha ने विधानसभा में दी। उन्होंने वाहन वायु प्रदूषण रोकथाम को लेकर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट पर चर्चा का जवाब देते हुए बुधवार को सदन में कहा, “हमारी सरकार वाहन वायु प्रदूषण को रोकने के लिए कारगर कदम उठाएंगी और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सख्त करवाई करेगी।”
दिल्ली सरकार वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण को रोकने के लिए समाज की मदद से 70 लाख पौधे लगाएगी, पर्यावरण रक्षक टीम का गठन करेगी, सरकारी- निजी कंपनी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल से ट्रैफिक जंक्शन प्वाइंट पर 500 सीसीटीवी कैमरे लगवाएगी, बाहर से आने वाले वाहनों की निगरानी के लिए नयी नीति बनाएगी और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ाने के लिए इलेक्ट्रिक वाहन नीति लाएगी।
‘आप’ सरकार ने डीटीसी को बर्बाद किया: Rekha Gupta
Rekha ने कहा कि पिछले दो दिन से इस रिपोर्ट पर सदन चर्चा हो रही है और 12 सदस्यों ने इस मुद्दे पर अपनी बात रखी है, लेकिन विपक्ष ने चर्चा में भाग नहीं लिया है। उन्हें दिल्ली को प्रदूषित करने में शर्म नहीं आई, लेकिन कारगुजारियों को सुनने में शर्म आती है, इसलिए सदन से निकल जाते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदूषण को रोकने के लिए पहले की सरकार पौधे लगाती थी, लेकिन सिर्फ कागजों में, शालीमार विधानसभा में भी ऐसा ही किया।
Rekha हमारी सरकार समाज की मदद से 70 लाख पौधे लगाएगी
Rekha कहा, “अब ऐसा नहीं होगा। हमारी सरकार समाज की मदद से 70 लाख पौधे लगाएगी। इसमें विद्यार्थियों को भी शामिल किया जाएगा। पर्यावरण रक्षक नाम से एक नई टीम बनाई जाएगी, जो पर्यावरण की रक्षा करेगी।इसमें पूरी दिल्ली वालों की भागीदारी होगी।
उन्होंने कहा, “पीपीपी मॉडल से बिना एक पैसा खर्च किये 500 नए कैमरे ट्रैफिक जंक्शन प्वाइंट पर लगाए जाएंगे। इससे न केवल प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की पहचान होगी, बल्कि वायु प्रदूषण से जुड़ी अन्य समस्याओं पर भी निगरानी रखी जा सकेगी।”मुख्यमंत्री Rekha ने कहा, “लाखों बाहरी वाहन दिल्ली में आते हैं, लेकिन उनके प्रदूषण के स्तर की कोई निगरानी नहीं होती थी। अब हमारी सरकार नई नीति लेकर आएगी, जिससे बाहरी वाहनों से होने वाले प्रदूषण को रोका जा सके।”
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार इलेक्ट्रिक वाहन नीति बनाएगी, जिसके द्वारा इलेक्ट्रिक वाहन लेने और उसका उपयोग करने के लिए जनता को अधिक से अधिक प्रोत्साहन दिया जायेगा।
श्रीमती गुप्ता ने कहा कि इस साल के अंत तक 5,500 बसों की मरम्मत की जाएगीऔर 2026 तक 11,000 बसें सड़कों पर होंगी। दिल्ली सरकार इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।