Punjab : सुनाम के लोंगोवाल में किसान की मौत के बाद चंडीगढ़ में आज से होने वाले किसान आंदोलन का रूख पूरी तरह से बदल गया है। 16 किसान संगठनों ने अब मुख्यमंत्री भगवंत मान के जिला संगरूर का रूख कर लिया है और लोंगोवाल पुलिस थाना के सामने पक्का मोर्चा शुरू कर दिया है।
वहीँ दूसरी ओर लोंगोवाल में सोमवार को किसानों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था जिसमें एक किसान प्रीतम सिंह की मौत हो गई थी। झड़प के दौरान एसएचओ दीपइंदर सिंह जेजी व अन्य पुलिसकर्मियों समेत कई किसान घायल हो गए। इसके बाद पुलिस ने डेढ़ दर्जनों किसानों और तीन दर्जन अज्ञात पर इरादा कत्ल का मामला दर्ज किया है। पुलिस की ओर से किसानों पर की गई कार्रवाई से भी जत्थेबंदियों का गुस्सा फूट पड़ा है। किसान नेताओं ने इस कार्रवाई को मुगल शासन के दौर की कार्रवाई करार दिया है।
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आगे किसानों ने कहा कि पंजाब सरकार, लोकतंत्र की हत्या कर रही है। किसान मजदूर की आवाज को दबाने की कोशिश हो रही है। दोपहर तक बीकेयू आजाद के प्रदेश नेता मनजीत नयाल, डकौंदा धनेर यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष मनजीत धनेर, क्रांतिकारी किसान यूनियन के गुरमीत सिंह महिमा, तर्कशील आगू जुझार सिंह, क्रांतिकारी पेंडू मजदूर यूनियन के लखवीर लखी, किरती किसान यूनियन के भूपिन्दर सिंह, भारतीय किसान यूनियन एकता आजाद के जसवीर सिंह आदि पक्के मोर्चा में शामिल हो चुके थे।
आपको बताते चले कि इस दौरान सैकड़ों किसान महिलाएं धरने में शामिल रहीं और सरकार के खिलाफ जोरदार रोष प्रदर्शन किया। वक्ताओं ने किसानों पर दर्ज किए झूठे मामले रद्द करने की मांग की। वक्ताओं ने इस हिंसक झड़प के लिए सरकार व पुलिस को जिम्मेदार ठहराते कहा कि यदि प्रशासन किसानों को शांति पूर्वक आंदोलन करने देता तो किसान प्रीतम सिंह आज उनके बीच जीवित होते। वक्ताओं ने मांग की कि जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाए। शहीद किसान परिवार को दस लाख रुपये मुआवजा व सरकारी नौकरी दी जाए। बाढ़ पीड़ितों को तुरंत राहत दी जाए।