भुवनेश्वर: Odisha के बालासोर स्थित फकीर मोहन (स्वायत्त) कॉलेज की बीएड द्वितीय वर्ष की छात्रा, जिसने एक प्रोफेसर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कार्रवाई न होने से क्षुब्ध होकर आत्मदाह कर लिया था, उसकी सोमवार रात AIIMS भुवनेश्वर में मौत हो गई। छात्रा 95 फीसदी जल चुकी थी और तीन दिन से जीवन के लिए संघर्ष कर रही थी।
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Odisha, AIIMS के बर्न सेंटर के अनुसार, छात्रा को गंभीर हालत में आईसीयू में वेंटिलेटर और अन्य जीवन रक्षक प्रणालियों पर रखा गया था, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद वह 14 जुलाई की रात 11:46 बजे दम तोड़ गई। इससे पहले उसे Odisha बालासोर जिला अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहाँ से उसे AIIMS रेफर किया गया।
Odisha मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने इस दर्दनाक घटना पर शोक जताते हुए कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा, “सरकार ने हर स्तर पर कोशिश की, लेकिन हम उसकी जान नहीं बचा सके। मैं भगवान जगन्नाथ से प्रार्थना करता हूं कि परिवार को इस अपार पीड़ा को सहने की शक्ति मिले। दोषियों को कानून के तहत कठोरतम सजा दी जाएगी।” इस मामले में कॉलेज के प्राचार्य दिलीप घोष और शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष समीरा कुमार साहू को गिरफ्तार कर लिया गया है।
Odisha घटना से पूरे राज्य में रोष
इस दुखद घटना से पूरे राज्य में आक्रोश है। सोमवार रात AIIMS परिसर में कांग्रेस और बीजेडी कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने रातों-रात पोस्टमॉर्टम करवा कर मामले को दबाने की कोशिश की। बीजेडी नेता इप्सिता साहू और कांग्रेस के युवा नेता सैयद यासिर नवाज़ ने उच्च शिक्षा मंत्री सूरज सूर्यवंशी से इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि “इस छात्रा ने न्याय के लिए बार-बार गुहार लगाई, लेकिन जब सिस्टम ने उसे बार-बार अनसुना किया, तो उसने यह भयावह कदम उठाया।”

