उज्जैन। Madhya Pradesh की धार्मिक नगरी उज्जैन में गुरुवार को “स्पिरिचुअल एंड वेलनेस समिट” का आयोजन किया गया। इस दौरान विभिन्न व्यापारिक घरानों ने 1,950 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव पेश किए हैं।
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समिट में Madhya Pradesh मुख्यमंत्री मोहन यादव ने वेलनेस और हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र के निवेशकों के साथ 13 वन-टू-वन बैठकें कीं, जिनमें बुनियादी जरूरतों, निवेश समर्थक नीतियों और प्राथमिकताओं पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘हील इंडिया’ और ‘लाइफ स्टाइल’ जैसे दूरदर्शी विचारों से प्रेरित होकर मध्य प्रदेश को समग्र जीवनशैली और वेलनेस नवाचार का ग्लोबल सेंटर बनाया जा रहा है। समिट के माध्यम से Madhya Pradesh ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह देश के वेलनेस मिशन का नेतृत्व करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
मुख्यमंत्री ने समिट को एक परिवर्तनकारी पहल बताया और कहा कि यहां नीति, निवेश, अध्यात्म और समाज कल्याण का संगम हुआ है। मध्य प्रदेश अब देश के वेलनेस मिशन का ग्लोबल इंजन बनने को तत्पर है। उन्होंने बताया कि विश्व पर्यावरण दिवस और गंगा दशहरा एक ही दिन होने का सुखद संयोग हुआ है। इस अवसर पर ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान का प्रदेश में पुनः शुभारंभ किया गया है। अभियान के अंतर्गत प्रदेश में पांच करोड़ पौधे रोपे गए हैं।
Madhya Pradesh सीएम यादव ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि उनकी सरकार रोजगार सृजन के लिए तेजी से काम कर रही है। धार्मिक स्थानों पर सभी चिकित्सा पद्धतियों के बड़े केंद्र बनाने के पीछे आशय यही है कि दुनिया भर के लोगों को स्वास्थ्य के साथ अध्यात्म भी प्राप्त हो।
Madhya Pradesh सरकार रोजगार सृजन के लिए तेजी से काम कर रही
मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि पिछले साल सभी संभागीय मुख्यालयों पर हुई रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव और फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में हुए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में जहां 30 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले, वहां 21 लाख 75 हजार रोजगार सृजन होने की संभावना भी है।

