11 वर्ष पूर्व की गई हत्या के मामले में दोषी को आजीवन कारावास
कादरचौक थाना क्षेत्र लक्ष्मन नगला में जून 2012 को किशोर की गोली मारकर की गई थी हत्या
बदायूं। हत्या के 11 साल पुराने मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रिंकू जिंदल ने गवाहों के बयान व साक्ष्यों के आधार पर एक दोषी को आजीवन कारावास और दस हजार रुपये का जुर्माना डाला है।वहीं दूसरे आरोपी पर दोष सिद्ध होने के बाद वारंट जारी किया है।कादरचौक थाना क्षेत्र के गांव लक्ष्मन नगला निवासी रामव्रेश ने 26 जून 2012 को थाना पुलिस को तहरीर दी थी।बताया था कि सुबह करीब 7.30 बजे उसका 16 साल का बेटा अर्जुन गांव के बाहर शौच करने गया था। इसी दौरान कासगंज के थाना गंजडुंडवारा के गांव वरा निवासी कंचन पुत्र सूवेदार, राजेंद्र पुत्र सुगर सिंह और किताब सिंह पुत्र बाबूराम ने ईख के खेत में अर्जुन को गोली मार दी। गोली की आवाज सुनकर आस-पास के सभी लोग दौड़े तो देखा कि तीनों आरोपी तमंचा लहराते हुए भाग रहे हैं।उनका पीछा भी किया लेकिन हाथ नहीं आ सके।मौके पर जाकर देखा तो बेटे अर्जुन की मौत हो चुकी थी।
पुलिस ने तहरीर के आधार पर तीनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना तत्कालीन थानाध्यक्ष धीरज सोलंकी उनके तबादला के बाद एसआई विजय कुमार सिंह ने की। विवेचक ने घटना से संबंधित सभी साक्ष्यों को एकत्र कर विवेचना समाप्त करते हुए आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया।तब से मामला कोर्ट में विचाराधीन था।थानाध्यक्ष उदयवीर सिंह ने इसे ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत चिंहित कराया।अभियुक्त किताब सिंह ने अपनी फाइल अलग करा ली जबकि कंचन और राजेंद्र की सुनवाई बृहस्पतिवार को गई।राजेंद्र कोर्ट में हाजिर नहीं हुआ जबकि कंचन सुनवाई के दौरान मौजूद था। अभियोजक पक्ष के विशेष लोक अभियोजक सुधीर मिश्रा व बचाव पक्ष के अधिवक्ता की दलील सुनने के बाद कंचन को सजा सुनाई।वहीं राजेंद्र को दोषी करार दिया गया। उसकी गिरफ्तारी को कोर्ट से वारंट जारी किया गया। पेश होने के बाद सजा सुनाई जाएगी।