नयी दिल्ली: सरकारी आवास से बड़ी मात्रा में नकदी बरामद होने के मामले में जांच का सामना कर रहे Justice Verma को इलाहाबाद उच्च न्यायालय स्थानांतरित करने की सिफारिश की गई है। यह निर्णय मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना के नेतृत्व वाले पांच सदस्यीय सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा सोमवार को दूसरी बार इस मुद्दे पर विचार करने के बाद लिया गया।
कैश कांड में घिरे Justice Verma से सभी न्यायिक कार्य वापस लिए गए
इससे पहले Justice Verma से सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय ने न्यायिक कामकाज वापस ले लिया था। शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर Justice Verma का तबादला करने की केंद्र से की गयी सिफारिश सार्वजनिक की गयी है। उच्चतम न्यायालय ने 21 मार्च को कहा था कि दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय ने न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ आंतरिक जांच शुरू की है और उन्हें स्थानांतरित करने का एक अलग प्रस्ताव है।
बताया जा रहा है कि न्यायमूर्ति उपाध्याय ने 20 मार्च को उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम की बैठक होने से पहले ही जांच शुरू कर दी थी। नकदी की कथित बरामदगी 14 मार्च की रात को करीब 11 बजकर 35 मिनट पर यहां लुटियंस क्षेत्र में न्यायमूर्ति वर्मा के सरकारी आवास में आग लगने के बाद हुई थी।
प्रधान न्यायाधीश ने जांच के लिए एक आंतरिक समिति गठित की और दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय को न्यायमूर्ति वर्मा को कोई न्यायिक कार्य न सौंपने को कहा। उच्चतम न्यायालय ने मामले की आंतरिक जांच रिपोर्ट 22 मार्च को देर रात अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दी, जिसमें फोटो और वीडियो भी शामिल थे।
Justice Verma का इलाहाबाद हाईकोर्ट में स्थानांतरण करने का विरोध करते हुए हड़ताल पर जाने का निर्णय किया
प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने न्यायमूर्ति यशवंत वर्माका इलाहाबाद हाईकोर्ट में स्थानांतरण करने का विरोध करते हुए मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय किया है। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी ने बताया कि अधिवक्ता न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के इलाहाबाद हाईकोर्ट इसकी लखनऊ पीठ या किसी अन्य हाईकोर्ट के लिए स्थानांतरण के किसी भी प्रस्ताव के खिलाफ है।
धनखड़ ने चीफ जस्िटस के कदम को सराहा
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने न्यायाधीश के आवास से नकदी बरामदगी मामले में न्यायिक जवाबदेही को लेकर सोमवार को सदन के नेता जेपी नड्डा और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ बैठक की। इसके साथ ही, धनखड़ ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे को आगे बढ़ाने से पहले प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) द्वारा नियुक्त आंतरिक जांच पैनल के नतीजे का इंतजार करने का फैसला किया है।
धनखड़ ने प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने ‘प्रभावशाली, पारदर्शी तरीके से’’ कार्रवाई शुरू की है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता के सुझाव के अनुसार, वे जल्द ही इस मुद्दे पर राज्यसभा में विभिन्न दलों के नेताओं की बैठक बुलाएंगे और एनजेएसी अधिनियम के मुद्दे को आगे बढ़ाएंगे।