उझानी में शुरू नहीं हो सकी कैफे संचालक की जांच, मोबाइल बंद कर कैफे संचालक फरार
कैफे संचालक ही खोलेगा लेन-देन करने वालों की पोल
उझानी।पलिया पुख्ता गांव के ग्रामीणों के प्राइवेट बैंकों में कैरियर खाते खोलकर खातों में लाखों रुपये के लेनदेन के मामले में पुलिस ने अब तक जांच नहीं शुरू की है। बड़ी संख्या में ग्रामीणों के खुले खाते उनके लिए सिरदर्द बने हुए हैं।वहीं, कैफे संचालक मोबाइल बंद करके फरार है।
मंगलवार को पलिया पुख्ता के खाताधारक ग्रामीण जब एसएसपी दफ्तर पहुंचे तो उनकी मुलाकात दातागंज के सीओ केके तिवारी से हुई। खाताधारकों ने कार्रवाई के लिए उन्हें शिकायती पत्र भी सौंप दिया था। गांव निवासी कैफे संचालक ने 180 ग्रामीणों के प्राइवेट बैंकों में कैरियर खाते उनकी बिना अनुमति कैसे खोल दिए,फिलहाल यह सबसे बड़ा सवाल है।
खातों से लाखों रुपये का लेनदेन भी हो चुका है। हवाला के खेल की सुगबुगाहट के बीच पुलिस की ओर से कार्रवाई को लेकर पसोपेश भी बना हुआ है। उझानी के प्रभारी निरीक्षक नीरज मलिक कहते हैं कि खाताधारकों की ओर से कोतवाली में शिकायती पत्र नहीं दिया गया है।दूसरी तरफ साइबर सेल थाना प्रभारी विनोद कुमार बर्धन की ओर से इस बारे में कार्रवाई के लिए पत्र मिलने से इंकार किया गया है, जबकि सीओ केके तिवारी ने खाताधारकों को भरोसा दिलाया था कि मामले की जांच कराके दोषियों के खिलाफ कार्रवाई कराएंगे। इसके बाद भी बुधवार को पुलिस की ओर से कैफे संचालक को गिरफ्त में लेने की कोशिश नहीं की गई।ग्रामीणों का कहना है कि कैफे संचालक अपना मोबाइल बंद करके फरार है।उसकी तलाश में सभी जुटे हैं।
कैफे संचालक ही खोलेगा लेन-देन करने वालों की पोल:-कैफे संचालक ने जिन ग्रामीणों के प्राइवेट बैंकों में खाते खोले हैं वह लोग पहले ही जानकारी होने से इंकार कर चुके हैं। उन्होंने अपने शिकायती पत्र में सिर्फ इतना कहा था कि वह तो कैफे संचालक के पास बैंकिंग कार्य से आते-जाते थे।ऐसे में उन्हें गुमराह कर खेल किया गया है। सवाल यह भी उठ रहा है कि कैफे संचालक ने खातों में किन लोगों के मोबाइल नंबर दर्ज कर दिए, क्योंकि अगर खाता धारकों के नंबर दर्ज किए जाते तो उनके फोन पर लेनदेन का मैसेज भी आता। बताते हैं कि कैफे संचालक के पकड़े जाने के बाद स्थिति काफी हद तक साफ हो जाएगी।
रिपोर्ट-जयकिशन सैनी (समर इंडिया)