दातागंज में करंट लगने से बंदरों की हुई मौंत के मामले में नियम विरुद्ध कार्रवाई को लेकर रेंजर फंसे..होगी जांच

दातागंज में करंट लगने से बंदरों की हुई मौंत के मामले में नियम विरुद्ध कार्रवाई को लेकर रेंजर फंसे..होगी जांच बदायूं।कूलर में उतरे करंट की…

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दातागंज में करंट लगने से बंदरों की हुई मौंत के मामले में नियम विरुद्ध कार्रवाई को लेकर रेंजर फंसे..होगी जांच

बदायूं।कूलर में उतरे करंट की चपेट में आकर बंदरों की मौत के मामले में वन विभाग के रेंजर ने दो कर्मचारियों के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत केस दर्ज कर जुर्माना लगा दिया। रेंजर को यह पता ही नहीं था कि साल 2022 में बंदर को वन्यजीव की श्रेणी से हटाया जा चुका है। अब यह मामला वन विभाग के जिम्मेदारों के गले की फांस बन गया है।डीएफओ ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

कोतवाली दातागंज क्षेत्र के गांव पापड़ में एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य चल रहा है। यहां कर्मचारियों ने अस्थायी आवास बनाए हुए हैं। शुक्रवार दोपहर इन आवासों में लगे कूलर में करंट उतरने से चपेट में आकर चार बंदरों की मौत हो गई थी। शुरुआत में स्टाफ ने इन बंदरों को जमीन में दबा दिया, लेकिन मामला खुला तो वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और गड्ढा खोदवाकर शव निकाले गए। पोस्टमार्टम कराने के बाद पुनः जमीन में दबाए गए।

वनरक्षक धर्मेंद्र की ओर से दो कर्मचारियों के खिलाफ वन विभाग में रिपोर्ट दर्ज की गई और वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत उन पर जुर्माना डाला गया। पशु प्रेमी विकेंद्र शर्मा ने बताया कि बंदर को वन्य जीव की श्रेणी से साल 2022 में निकाला जा चुका है। ऐसे में कार्रवाई नियम विरुद्ध है।डीएफओ प्रदीप वर्मा ने बताया कि रेंजर ने जो कार्रवाई की है उसकी जानकारी मिली है। अगर गलत कार्रवाई हुई है तो मामले की जांच कराई जाएगी..(समर इडिया)

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