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हरियाणा में मौसम का मिजाज बदलेगा: उत्तरी और पश्चिमी इलाकों के लिए ऑरेंज और येलो अलर्ट, ओलावृष्टि की संभावना

चंडीगढ़: हरियाणा में एक बार फिर से मौसम का मिजाज बदलने वाला है. आज (शुक्रवार, 12 अप्रैल को) हरियाणा में जहां पूरे दिन बादल छाए रहेंगे. वहीं, चंडीगढ़ में तेज हवाओं के साथ बादल छाए रहने की संभावना है. इसी को देखते हुए शनिवार और रविवार को हरियाणा की उत्तरी और पश्चिमी इलाकों के लिए ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया गया है. ऐसे में तेज तूफान और बारिश होने की संभावना जताई गई है. मौसम विभाग के अनुसार 12 अप्रैल को एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ उत्तर पश्चिम भारत को प्रभावित करेगा.

 

 

 

 

 

हरियाणा में बारिश की संभावना: मौसम विभाग के अनुसार एक ताजा वेस्टर्न डिस्टरबेंस देखी जा रही है. पंजाब में 13 और 14 अप्रैल को कई स्थानों हल्की से मध्यम बारिश होने की सम्भना हैं. ऐसे में हरियाणा और चंडीगढ़ में 13 और 14 अप्रैल को कई स्थानों हल्की और मध्यम बारिश होने की संभावना है. ऐसे में पंजाब हरियाणा और चंडीगढ़ में गरज और चमक के साथ तेज हवा (40-50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से) चलने की संभावना है. पंजाब और हरियाणा में 13 अप्रैल को कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि की संभावना है. अगले 2 दिनों के दौरान अधिकतम तापमान में कोई बड़ा परिवर्तन होने की संभावना नहीं है और उसके बाद 3-5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट होगी.

 

 

 

 

हरियाणा में ऑरेंज अलर्ट: मौसम विभाग ने हरियाणा के भिवानी, चरखी दादरी, हिसार, नूंह और पलवल के इलाकों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. वहीं, जींद, करनाल, पानीपत, रोहतक और सोनीपत जिले में येलो अलर्ट जारी किया है. इन इलाकों में अचानक से तेज हवाएं (50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से) चलने की संभावना है. इसके अलावा इन क्षेत्रों में ओलावृष्टि की भी संभावना है.

 

 

 

 

 

हरियाणा में 14 अप्रैल तक मौसम रहेगा खराब!: मौसम विभाग के अधिकारी ए के सिन्हा ने बताया कि एक ताजा वेस्टर्न डिस्टरबेंस हिमालय से होते हुए उत्तरी भारत में दर्ज हो रही है, जिसका असर 13 और 14 अप्रैल तक रहेगा. वहीं, शनिवार और रविवार को तेज हवाएं और ओलावृष्टि की भी संभावना देखी जा रही है. ऐसे में हरियाणा और पंजाब के कुछ जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है.

 

 

 

 

इस तरह रवि की फसल पर ध्यान रखें: मौसम विभाग के अधिकारी ने कहा है कि कटी हुई फसल को सुरक्षित स्थान पर रखें. खेतों से अतिरिक्त पानी की निकासी की व्यवस्था करें. सिंचाई और उर्वरकों और कीटनाशकों का प्रयोग स्थगित करें. इस संबंध में जारी कृषि सलाह का पालन करें.

 

 

 

 

 

 

 

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