Haldwani News : मनसा देवी मंदिर में हाल ही में हुए हादसे के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थलों में श्रद्धालुओं को उनकी धारण क्षमता के अनुरूप ही प्रवेश देने के निर्देश दिए हैं। हरिद्वार की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। सीएम धामी ने बताया कि जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं, उन स्थलों पर व्यवस्थाओं को सुदृढ़ किया जा रहा है और पार्किंग, ट्रैफिक तथा सुरक्षा मानकों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने साफ किया कि ये व्यवस्थाएं मनसा देवी मंदिर सहित सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों पर सख्ती से लागू होंगी।
Haldwani News : कैंची धाम, जागेश्वर और अन्य धार्मिक स्थलों पर बढ़ती भीड़
मुख्यमंत्री ने बताया कि नैनीताल जिले में स्थित बाबा नीब करौरी महाराज के कैंची धाम में श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। यहां रोजाना औसतन 10-12 हजार लोग पहुंचते हैं, जबकि शनिवार और मंगलवार को यह संख्या 15-18 हजार तक पहुंच जाती है। 15 जून को आश्रम के स्थापना दिवस पर यह संख्या डेढ़ लाख तक जाती है, लेकिन व्यवस्थाएं नाकाफी हैं। वहीं अल्मोड़ा जिले के जागेश्वर धाम, जिसे “हिमालय का काशी” कहा जाता है, में महाशिवरात्रि और श्रावण मास के दौरान देशभर से श्रद्धालु पहुंचते हैं। इसी तरह, चितई गोलू देवता मंदिर में प्रतिदिन 4-5 हजार भक्त आते हैं और विशेष अवसरों पर यह संख्या 10 हजार से अधिक हो जाती है।
Haldwani News : अन्य तीर्थस्थलों पर भीड़ और धार्मिक आस्था का संगम
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के अन्य प्रमुख धार्मिक स्थलों का भी उल्लेख किया, जिनमें अल्मोड़ा का हाट कालिका मंदिर, चंपावत का पूर्णागिरी धाम, और रामनगर के पास गर्जिया माता मंदिर शामिल हैं। हाट कालिका मंदिर को सैनिकों और पूर्व सैनिकों की आस्था का केंद्र माना जाता है, जबकि पूर्णागिरी मंदिर एक प्रसिद्ध शक्तिपीठ है जहां चैत्र नवरात्र में भारी भीड़ उमड़ती है। गर्जिया माता मंदिर भी प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है, जहां कार्तिक पूर्णिमा, नवरात्र, शिवरात्रि जैसे पर्वों पर श्रद्धालुओं की भीड़ जुटती है। सीएम धामी ने कहा कि इन स्थलों पर भी सुविधाओं का विस्तार और सुरक्षा प्रबंधन को प्राथमिकता दी जा रही है।
Haldwani News : अतिक्रमण पर सख्ती, विकास पर जोर
मुख्यमंत्री धामी ने अतिक्रमण के मुद्दे पर भी सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा हटाने के लिए जिलाधिकारियों को पहले ही निर्देश दिए जा चुके हैं। अतिक्रमणकारियों को नोटिस देकर स्वयं अवैध निर्माण हटाने को कहा गया है, अन्यथा प्रशासन द्वारा अभियान चलाया जा रहा है। अभी तक राज्य सरकार 7000 एकड़ से अधिक सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त कर चुकी है। उन्होंने कहा कि राज्य में विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वर्ष 2023-24 के सतत विकास लक्ष्य इंडेक्स में उत्तराखंड देश में पहले स्थान पर आया है।

