हाल ही में सोशल मीडिया पर पर Firozpur से जुडी एक बड़ी खबर सामने आ रही है जिसमे आपको बताते चले कि फिरोजपुर में सीमांत गांव कमाले वाला और कालूवाला के पास से सतलुज दरिया का बांध टूट गया है। बांध में लगभग सौ फुट दरार पड़ी है। इससे छह गांव पानी की चपेट में आ गए है। सभी गांव की तकरीबन पांच सौ एकड़ जमीन में लगी फसल डूब गई है।
वहीँ दूसरी और ग्रामीणों का कहना है कि इस बांध में जब पांच फुट दरार पड़ी थी तभी उन्होंने जिला प्रशासन को सूचित किया था। लेकिन प्रशासन ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया और गुरुवार रात सौ फुट दरार पड़ गई और गांवों में पानी भर गया। पानी दुलचीके बांध तक पहुंचा तो फिरोजपुर में बाढ़ आ सकती है, जैसे वर्ष 1988 में आई थी। क्योंकि पीछे से पानी छोड़ा जा रहा है।
आपको बताते चले कि किसान प्रवीन धवन, रणजीत सिंह, बोहड़ सिंह ने कहा कि सारा पानी गांव किलचे, कामे वाला झुग्गे, निहाले वाला, झुग्गे लालू वाला, झुग्गे किशोर व झुग्गे हाकम वाला में पानी घुस गया है। यहां की लगभग पांच सौ एकड़ जमीन में लगी धान और अन्य फसल डूब गई है। कालू वाला में करीब दो सौ घर, किलचे वाला में तकरीबन 250 घर, निहाले वाला में लगभग 150 व बस्ती कामेवाला में करीब पचास घर हैं, इनके अलावा अन्य गांवों में दस से पंद्रह घर बने हैं, जो पानी की चपेट में आ गए हैं।
वहीँ दूसरी और आपको बतादें कि ग्रामीण मलकीत सिंह, कुनाल सिंह, काला सिंह, बाबा इकबाल सिंह, निछत्तर सिंह व गुरमीत सिंह ने बताया कि इस दरार की मरम्मत नहीं की गई तो दरिया का पानी दुलचीके बांध से टकराएगा, ऐेसा हुआ तो फिरोजपुर भी बाढ़ की चपेट में आ सकता है। 1988 में भी ऐसा हुआ था। अब फिरोजपुर में बाढ़ का खतरा बना हुआ है। पीछे से बांध से पानी काफी मात्रा में छोड़ा जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि जब दरार पांच फुट थी तभी जिला प्रशासन इस पर नियंत्रण पा लेता तो ये नुकसान नहीं होना था।