पिता ने मुखबिरी की तो 11 साल के बेटे को मार डाला, दो महीने बाद हिस्ट्रीशीटर समेत चार गिरफ्तार

पिता ने मुखबिरी की तो 11 साल के बेटे को मार डाला, दो महीने बाद हिस्ट्रीशीटर समेत चार गिरफ्तार बदायूं|हजरतपुर थाना क्षेत्र के खिरकन नगला…

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पिता ने मुखबिरी की तो 11 साल के बेटे को मार डाला, दो महीने बाद हिस्ट्रीशीटर समेत चार गिरफ्तार

बदायूं|हजरतपुर थाना क्षेत्र के खिरकन नगला में 11 साल के कुलदीप की हत्या गांव के हिस्ट्रीशीटर ने अपने तीन साथियों के साथ मिलकर तमंचे की नाल से पेट दबाकर की थी। कुलदीप 31 मई को साइकिल लेकर खेत पर चारा लेने गया था। उसी दौरान आरोपियों ने घटना को अंजाम दिया था।कल रविवार रात पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और सोमवार दोपहर बाद उन्हें न्यायालय में पेश किया,जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।

पुलिस लाइन सभागार में खुलासा करते हुए एसपी सिटी अमित किशोर श्रीवास्तव ने बताया कि मामला 31 मई 2024 का है।उस दिन दोपहर के दो बजे पुलिस को सूचना मिली कि हजरतपुर थाना क्षेत्र के गांव खिरकन नगला में 11 वर्षीय कुलदीप पुत्र रामगुलाम की हत्या कर दी गई है।

बालक के पिता रामगुलाम का कहना था कि उनका बेटा खेत पर चारा लेने गया था।उनके गांव के हिस्ट्रीशीटर ओमेंद्र, उमेश, पप्पू और धनवीर ने उनके बेटे को घेर लिया। उसके साथ मारपीट की और उसकी हत्या कर दी। पुलिस ने तहरीर के आधार चारों आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली थी। दूसरे दिन बालक के शव का पोस्टमार्टम कराया गया था। उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मारपीट के निशान तो नहीं मिले थे लेकिन उसके पेट पर एक गोल निशान जरूर बना था। रिपोर्ट में लिवर फटने से बालक की मौत की पुष्टि हुई थी।

पूछताछ में आरोपियों ने कबूला जुर्म:-इस मामले की हजरतपुर एसओ विक्रम सिंह विवेचना कर रहे थे। उन्होंने गांव में जाकर तमाम लोगों से पूछताछ की तो पता चला कि चारों आरोपी घटनास्थल के आसपास देखे गए थे, जिससे उन्होंने रविवार रात हिस्ट्रीशीटर ओमेंद्र, उमेश, पप्पू और धनवीर को गिरफ्तार कर लिया। उनसे थाने लाकर जब पूछताछ की गई तो उन्होंने अपना जुर्म कबूल कर लिया।

ओमेंद्र ने बताया कि उस पर 15 मुकदमे चल रहे हैं। वह थाने का हिस्ट्रीशीटर है। जब वह तारीख पर नहीं पहुंच पाता है तो न्यायालय से उसका वारंट जारी कर दिया जाता है। बालक का पिता रामगुलाम पुलिस की मुखबिरी करता है। कई बार उसने पुलिस से पकड़वा दिया था, जिससे उसने रामगुलाम को सबक सिखाने के लिए योजना बनाई थी। वह चाहता था कि रामगुलाम को ऐसी चोट पहुंचाए कि वह जिंदगीभर नहीं भूल पाए। कुलदीप रामगुलाम का इकलौता बेटा था। 31 मई को वह गांव के बाहर पेड़ के नीचे बैठा मिल गया और उसकी हत्या कर दी।
ऐसे की गई थी कुलदीप की हत्या:-हत्यारोपियों ने गोली चलाना जरूरी नहीं समझा। अगर वह गोली चलाते तो उसी दौरान लोगों को पता चल जाता। चारों आरोपियों ने कुलदीप को जमीन पर गिरा लिया। हत्यारोपी उमेश ने उसके दोनों हाथ पकड़े, पप्पू ने उसके दोनों पैर पकड़े और धनवीर अपने हाथों से उसका मुंह व गर्दन दबाए रहा। वहीं, हिस्ट्रीशीटर पेट पर तमंचा रखकर जोर से दबाए रहा, जिससे ज्यादा दबाव पड़ने से उसका लिवर फट गया और अंदरूनी हिस्से पर गंभीर चोट आईं। इसकी बालक की मौके पर ही मौत हो गई।समर इंडिया..

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