चंडीगढ़। पंजाब और हरियाणा के बीच लंबे समय से चले आ रहे पानी विवाद ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया है। इस बार पंजाब के CM Mann ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी को सीधा पत्र लिखकर साफ शब्दों में कहा है – “हमारे पास देने के लिए अतिरिक्त पानी नहीं है, और मैं पंजाब के लोगों के साथ अन्याय नहीं होने दूंगा।”
CM Mann : कोई भी नशीला पदार्थ बेचता दिखे तो बताएं, फौरन होगी कार्रवाई
पत्र में CM Mann ने केंद्र सरकार और विशेष रूप से भारतीय जनता पार्टी पर भी हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि बीजेपी पंजाब के जल संसाधनों पर जबरदस्ती अधिकार जमाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, “बीजेपी पंजाब के खिलाफ षड्यंत्र कर रही है और यह प्रयास पंजाब के अधिकारों पर डाका डालने जैसा है।”
हरियाणा का आरोप – “पानी में की गई है कटौती”
हरियाणा सरकार की ओर से आरोप लगाया गया है कि पंजाब ने उनकी हिस्सेदारी के पानी में कटौती कर दी है। पहले जहां रोजाना 8500 क्यूसेक पानी दिया जा रहा था, अब मात्र 4000 क्यूसेक ही मिल रहा है। हरियाणा सरकार इसे किसानों और आम जनता के हितों पर कुठाराघात मान रही है।
वहीं पंजाब सरकार CM Mann का तर्क है कि हरियाणा अपने हिस्से के पानी का उपयोग पहले ही कर चुका है, फिर भी ‘मानवता के आधार पर’ उन्हें पानी दिया जा रहा है। लेकिन अब प्रदेश के हालात ऐसे नहीं हैं कि अतिरिक्त जल की आपूर्ति की जा सके।
राजनीतिक रंग लेता जल विवाद
यह मुद्दा अब राजनीतिक रंग भी लेने लगा है। CM Mann के पत्र को एक सख्त राजनीतिक बयान के तौर पर देखा जा रहा है, जो न केवल हरियाणा को बल्कि केंद्र सरकार को भी एक संदेश देता है – कि पंजाब अपने जल संसाधनों पर किसी भी प्रकार की जबरदस्ती बर्दाश्त नहीं करेगा।
यह पत्र ऐसे समय पर आया है जब देश के कई हिस्सों में जल संकट गहराता जा रहा है, और खेती-किसानी के लिए पानी का महत्व पहले से कहीं अधिक बढ़ गया है।
CM Mann हरियाणा अपने हिस्से के पानी का उपयोग पहले ही कर चुका
पानी की ये लड़ाई अब सिर्फ दो राज्यों के बीच जल बंटवारे की नहीं रही, बल्कि यह क्षेत्रीय अस्मिता, संसाधनों पर अधिकार और राजनीतिक वर्चस्व का मुद्दा बन चुकी है। आने वाले समय में यह मामला और उग्र हो सकता है, यदि केंद्र स्तर पर कोई ठोस हस्तक्षेप नहीं होता।

