चंडीगढ़। Chief Minister Saini धर्मक्षेत्र-कुरुक्षेत्र की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर को वैश्विक स्तर पर पहचान मिले, इसके लिए लगातार सरकार प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की 82वीं बैठक आज राज्यपाल एवं बोर्ड अध्यक्ष बंडारू दत्तात्रेय की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।
Chief Minister Saini ने दिए निर्देश : समयबद्ध तरीके से बने सर्टिफिकेट
इस बैठक में हरियाणा के Chief Minister Saini बतौर उपाध्यक्ष शामिल हुए। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल भी उपस्थित रहे। राज्यपाल एवं बोर्ड अध्यक्ष बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि देशभर में कुरुक्षेत्र की विस्तृत पहचान बने, इसके लिए सभी को मिलजुल कर प्रयास करने होंगे।
कुरुक्षेत्र का एक बड़ा धार्मिक महत्व है, ऐसे में एक भव्य अध्यात्मिक नगरी के रुप में इसके विस्तार को लेकर हमारी परिकल्पना होनी चाहिए। इसके बोर्ड में देश भर के विद्वान एवं प्रतिष्ठित लोगों को जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि 48 कोस के अंतर्गत आने वाले तीर्थ स्थलों को लेकर साल में कम से कम 48 उत्सव इन गांवों में मनाने चाहिए। इनमें जनप्रतिनिधियों की भागीदारी के साथ साथ जिन गांवों में ये तीर्थ स्थल है, उनकी सहभागिता भी जोड़ी जाए।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर को वैश्विक स्तर पर पहचान मिले। उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्था की जाएं कि अगर कोई यहां आएं तो उसे एहसास हो कि वो उस पवित्र धरा पर आया हैं जो महाभारत के इतिहास से जुड़ी है।
Chief Minister Saini सरकार का उद्देश्य है कि धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर को वैश्विक स्तर पर पहचान मिले
इसके लिए यहां पर धार्मिक और पर्यटन के नजरिये से हमें पर्यटकों के लिए आधुनिक व्यवस्थाएं करनी होगीं। बैठक के दौरान बोर्ड के पदाधिकारियों और अधिकारियों के समक्ष कुरुक्षेत्र के विकास के पहलुओं को लेकर चर्चा हुई, जिसमें सफाई व्यवस्था, सरोवर के रख रखाव, नवीनीकरण और ट्रांसपोर्टेशन की व्यवस्था करने के साथ साथ मेला एरिया में विकास को लेकर चर्चा हुई है। बैठक में अलग अलग स्थानों पर चल रहे विकास कार्यो की समीक्षा की गई, साथ ही प्रोजेक्ट्स में तेजी लाने के निर्देश भी दिए गए।

