Budaun Police: अब एफआईआर में नहीं दिखेगा वादी का मोबाइल नंबर
अब एफआईआर में केवल वादी के मोबाइल के शुरू के पांच अंक ही देंगे दिखाई..
पुलिस विभाग ने साइबर ठगी को रोकने के लिए लिया निर्णय
बदायूँ।यूपी कॉप को हथियार बनाकर साइबर ठगों ने ठगी का जो धंधा अपनाया था, पुलिस ने अब उसका तोड़ खोज लिया है। यूपी कॉप पर दिखने वाली एफआईआर में अब वादी का मोबाइल नंबर नहीं दिखाई देगा।
प्रदेश के किसी भी थाने में दर्ज एफआईआर को यूपी कॉप एप के जरिये कोई भी कहीं पर अपलोड कर देख सकता था। आपके एंड्रायड मोबाइल में अगर एप नहीं है तो प्ले स्टोर में जाकर यूपी कॉप लिखिए,फिर जरूरी जानकारियां उसमें भरने के बाद इसे लोड किया जा सकता है। पिछले चार- छह महीनाें से वादी को ही ठगी का शिकार बना लिए जाने के मामले पुलिस अफसरों के संज्ञान में पहुंचे।छानबीन में पता चला कि साइबर ठगी वादी से बात कर आरोपियों के नाम, पते और संपर्क सूत्रों के बारे में पूछ लेते हैं। फिर उन्हीं संपर्क सूत्रों में से किसी को अपने जाल में फंसा लेते हैं। डिजिटल अरेस्ट की बढ़ रही घटनाओं की वजह भी यही मानी जा रही थी। अधिकतर लोग बड़ी आसानी से साइबर ठगों के शिकार बन जाते थे. इसलिए अब पुलिस ने यूपी कॉप पर दिखने वाली एफआईआर में वादी के मोबाइल नंबर को हटा लिया है। अब केवल वादी के मोबाइल के शुरू के पांच अंक ही दिखाई देंगे।एफआईआर दर्ज कराते ही सैन्य अफसर की पत्नी के पास आया था ठग का फोन:-कृष्णा कॉलोनी निवासी सैन्य अफसर नारायण कुमार के घर में आठ जून को चोरी हो गई थी। चोर उनके तालाबंद घर से करीब छह-सात लाख रुपये का माल चुराकर ले गए थे। सैन्य अफसर की पत्नी पूजा की ओर से पुलिस ने एफआईआर दर्ज की तो कुछ घंटे बाद ही पूजा के मोबाइल नंबर पर कॉल आई कि चोरों का पता लग गया है। अगले दिन तक माल भी बरामद कर लेंगे, 10 हजार रुपये का इंतजाम कर लो। गृहस्वामिनी साइबर ठगों की बातों में नहीं आईं और शिकार बनने से बच गईं।समर इंडिया..