Budaun News: पुलिस और हमलावरों के गठजोड़ ने ले ली गरीब महिला की जान..
बीते छह अक्टूबर को भी महिला को जमीन पर हमलावरों द्धारा घसीट-घसीटकर पीटा गया था।
काश: पुलिस महिला के दर्द को नोटंकी न बताती तो शायद बच जाती महिला की जान
बदायूं।हजरतपुर थाना पुलिस और हमलावरों के गठजोड़ ने गरीब महिला की जान ले ली।छह अक्तूबर को भी महिला को जमीन पर गिराकर घसीट-घसीटकर पीटा गया था।उसके कपड़े तक फट गए थे। जब वह थाने पहुंची तो उसे डांट कर भगा दिया गया। थाने से इंसाफ नहीं मिलने के बाद महिला सीओ से लेकर उच्चाधिकारियों के पास तक गई, लेकिन जिंदा रहते उसे न्याय नहीं मिल सका।
असफपुर निवासी विमला का छह अक्तूबर को पड़ोसी आसिफ के परिवार के बच्चों को लेकर विवाद हुआ था। इसके बाद आसिफ समेत परिवार के कई लोगों ने घर में अकेली महिला को घर में काफी दूर तक घसीटा। उसके कपड़े फट गए थे। महिला तहरीर लेकर थाने पहुंची तो उसकी किसी ने नहीं सुनी। उसे डांटकर वापस भेज दिया गया।इसके बाद वह सीओ दातागंज से मिली और कार्रवाई की मांग की, लेकिन यहां पर भी उसकी सुनवाई नहीं हुई। उच्चाधिकारियों को शिकायती पत्र दिया तो शिकायती पत्र कार्रवाई के लिए थाने भेज दिया गया। इधर, कार्रवाई न होने पर आरोपियों का मनोबल इतना बढ़ गया कि 11 अक्तूबर को हमलावरों ने फिर से मारपीट की। जब वह थाने पहुंची और अपनी हालत बताई तो पुलिसकर्मियों ने इसे नौटंकी बताया।
महिला की हालत बिगड़ी तो पुलिस को लगा कि वह ठीक बोल रही है। तब आरोपियों का महज शांतिभंग की धारा में चालान किया। छह से लेकर 11 अक्तूबर तक पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। महज शांतिभंग में चालान किया, जबकि महिला को इस कदर पीटा गया कि उसकी मौत हो गई। पुलिस अब हत्या की धारा में मुकदमा तरमीम कर रही है।समर इंडिया..