अवैध पटाखा फैक्टरी धमाका कांड में बीट सिपाही लाइनहाजिर, इंस्पेक्टर-चौकी इंचार्ज पर बैठी जांच
बदायूं।उसावां थाना क्षेत्र के नगरिया चिकन गांव में शुक्रवार शाम दो मंजिला मकान में चल रही अवैध पटाखा फैक्टरी में हुए विस्फोट के मामले में एसएसपी डॉ. ब्रजेश सिंह ने कार्रवाई का शुरू कर दी है। एसएसपी ने लापरवाही बरतने में हल्का बीट कांस्टेबल को लाइन हाजिर कर दिया है। जबकि हड़ौरा चौकी इंचार्ज व उसावां थाने के इंस्पेक्टर की भूमिका को संदिग्ध मानकर विभागीय जांच शुरू कराई है। एसएसपी ने सीओ उझानी शक्ति सिंह को जांच सौंपी है।
जिले में कई बार अवैध पटाखों फैक्टरियों में धमाके हो चुके हैं। इन घटनाओं में हर बार सिस्टम की लापरवाही उजागर हुई है। घटना के कुछ दिन बाद मामले को ठंडे बस्ते में डालने का रिवाज चला आ रहा है। इसी वजह से लाइसेंस की आड़ में घनी आबादी के बीच घरों व दुकानों को बारूद का ढेर बना दिया जाता है। यही वजह रही है कि उसावां थाना क्षेत्र के नगरिया चिकन में धमाका हो गया
दूसरी मंजिर पर बनाता था पटाखे:-घटना के बाद वहां आसपास के रहने वाले ग्रामीण दबी जुबान से कह रहे हैं कि आतिशबाज उमेश चंद्र उर्फ राहुल मकान के दूसरी मंजिल पर ही पटाखे बनाने का कार्य करता था। लेकिन किसी भी जिम्मेदार को इस इसकी भनक तक नहीं थी। जबकि उसकी दुकान हजरतपुर कस्बे में थी। इधर, पटाखा दुकान व गोदामों का साल में दो बार सत्यापन होना अनिवार्य होता है।
जिसमें लेखपाल, पुलिस, फायर ब्रिगेड, असलहा विभाग व तहसील प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है। लेकिन किसी जिम्मेदार ने उमेश चंद्र की दुकान व उसके द्वारा पटाखे बनाए जाने वाले स्थान का सत्यापन नहीं किया गया था। जबकि उसके पास पटाखे बनाने व बेचने का लाइसेंस था। जिसके चलते उसने लाइसेंस की आड़ में घनी आबादी के बीच खुद के ही दो मंजिला मकान को अवैध पटाखा फैक्टरी बना रखा था। इसके चलते जिम्मेदारों पर सवाल उठना भी लाजिमी है। जहां सत्यापन करने वाले प्रशासनिक अमले को भनक नहीं थी। वहीं, थाने से लेकर हल्का बीट कांस्टेबल को भी इस फैक्टरी की भनक नहीं थी। ऐसे में एसएसपी ने बीट के कांस्टेबल माया स्वरूप वर्मा को लाइन हाजिर कर दिया है। वहीं, उसावां इंस्पेक्टर वीरपाल सिंह व हड़ौरा चौकी इंचार्ज ओमप्रकाश के खिलाफ विभागीय जांच शुरू करा दी है। एसएसपी ने सीओ उझानी को जांच सौपी हैं।