नयी दिल्ली : केन्द्रीय सहकारिता मंत्री Amit Shah गुरुवार को यहां राष्ट्रीय सहकारिता नीति 2025 की घोषणा करेंगे। इस अवसर पर राष्ट्रीय सहकारिता नीति के प्रारूप को तैयार करने वाली समिति के सदस्य,सभी राष्ट्रीय सहकारी संघों के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम , राष्ट्रीय सहकारी प्रशिक्षण परिषद और वैकुंठ मेहता राष्ट्रीय सहकारी प्रबंधन संस्थान के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहेंगे।
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नई सहकारिता नीति वर्ष 2025 से 2045 तक आगामी दो दशकों के लिए भारत के सहकारी आंदोलन में एक मील का पत्थर साबित होगी। नई सहकारिता नीति का उद्देश्य सहकारिता क्षेत्र को पुनर्जीवित करने और इसे आधुनिक बनाने के साथ-साथ जमीनी स्तर पर एक रोडमैप बनाकर सहकार से समृद्धि के विजन को साकार करना है।
इससे पहले वर्ष 2002 में देश की पहली राष्ट्रीय सहकारिता नीति जारी की गई थी जिसमें सहकारी संस्थाओं की आर्थिक गतिविधियों के बेहतर प्रबंधन के लिए एक आधारभूत रूपरेखा दी गई थी। पिछले 20 वर्षों में वैश्वीकरण और तकनीकी प्रगति के कारण समाज, देश और विश्व में कई बड़े परिवर्तन हुए हैं।
Amit Shah इससे पहले वर्ष 2002 में देश की पहली राष्ट्रीय सहकारिता नीति जारी की गई थी
सहभागी और समावेशी दृष्टिकोण सुनिश्चित करने के लिए समिति ने अहमदाबाद, बेंगलुरु, गुरुग्राम और पटना में 17 बैठकें और 4 क्षेत्रीय कार्यशालाएँ आयोजित कीं। इनमें हितधारकों से प्राप्त 648 बहुमूल्य सुझावों का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन कर उन्हें नई सहकारिता नीति में शामिल किया गया।

