नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री Amit Shah ने सोमवार को कहा कि गृह मंत्रालय के भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) ने अभूतपूर्व गति से अपराधियों को पकड़ने के लिए नई ई-जीरो एफआईआर पहल शुरू की है।
साइबर अपराध समन्वय केन्द्र ने जीरो एफआईआर पहल शुरू की : Amit Shah
Amit Shah ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि दिल्ली के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया, यह नया सिस्टम, एनसीआरपी या हेल्पलाइन नंबर 1930 पर दर्ज साइबर वित्तीय अपराधों को स्वतः एफआईआर में परिवर्तित करेगा।
शुरू में यह 10 लाख रुपए से ऊपर की सीमा के लिए होगा। नया सिस्टम जांच में तेजी लाएगा, जिससे साइबर अपराधियों पर सख्ती हो सकेगी, और जल्द ही इसका विस्तार पूरे देश में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार साइबर-सुरक्षित भारत बनाने के लिए साइबर सुरक्षा ढांचे को मजबूत कर रही है।
Amit Shah ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘साइबर सुरक्षित भारत’ के विजन को पूरा करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
केंद्रीय मंत्री Amit Shah ने भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) की हाल की समीक्षा बैठक में साइबर वित्तीय अपराधों के पीड़ितों को गंवाए हुए धन को वापस हासिल करने में आने वाली कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए इस पहल को लागू करने के निर्देश दिए थे।
राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) और राष्ट्रीय साइबर अपराध हेल्पलाइन नंबर 1930 ने साइबर वित्तीय अपराधों से संबंधित शिकायतों की आसान रिपोर्टिंग और त्वरित कार्रवाई को सक्षम बनाया है। शुरू की गई नई प्रक्रिया में आई4सी के एनसीआरपी सिस्टम, दिल्ली पुलिस के ई-एफआईआर सिस्टम और राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के अपराध और अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क और सिस्टम (सीसीटीएनएस) का एकीकरण शामिल है।
Amit Shah इस पहल को लागू करने के निर्देश दिए
अब एनसीआरपी और हेल्पलाइन नंबर 1930 पर 10 लाख रुपए से अधिक की वित्तीय हानि से संबंधित शिकायतें अपने-आप दिल्ली के ई-क्राइम पुलिस स्टेशन में जीरो एफआईआर के रूप में दर्ज होंगी। इसे तुरंत संबंधित क्षेत्रीय साइबर अपराध थानों को भेजा जाएगा। शिकायतकर्ता तीन दिन के भीतर साइबर अपराध थाने में जाकर जीरो एफआईआर को नियमित एफआईआर में परिवर्तित कर सकते हैं।
दिल्ली पुलिस और भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी), गृह मंत्रालय ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 173 (1) और 1(ii) के नए प्रावधानों के अनुसार मामलों के पंजीकरण के लिए एक प्रक्रिया स्थापित करने के लिए मिलकर काम किया है। प्रादेशिक अधिकार क्षेत्र पर ध्यान दिए बिना इलेक्ट्रॉनिक रूप से एफआईआर जारी करने की प्रक्रिया शुरू में दिल्ली में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू होगी।

