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Sambhal mosque survey: तीन लोगों की मौत, NSA के तहत कार्रवाई की तैयारी

Sambhal mosque survey :उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण को लेकर हुई हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई और कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया और कई वाहनों को आग लगा दी।

Sambhal mosque survey हिंसा को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा। घटना के बाद कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

पत्थरबाजी की घटना के बीच SP संभल कृष्ण कुमार बिश्नोई इस वीडियो में लोगों से शांति अपील बनाए रखने की बात कर रहे हैं। वहीं इशारों में उन्होंने यह भी कहा कि हुक्मरानों के आवाज पर उग्र भीड़ का हिस्सा ना बनिए, बल्कि शांति बनाएं रखें।

संभल में शाही जामा मस्जिद का सर्वे करने गई टीम को जोरदार विरोध का सामना करना पड़ा। इसके विरोध में वहां जमा भीड़ ने जमकर उत्पात मचाया।

Sambhal mosque surveyयूपी पुलिस पर पथराव किया गया जबकि पुलिसकर्मियों के कई निजी वाहन भी फूंक दिए गए। इस पर संबल SP कृष्ण कुमार ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ NSA के तहत कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।

दरअसल कोर्ट के आदेश के पर संभल के जामा मस्जिद में हरिहर मंदिर होने का दावा पेश किए जाने के बाद रविवार को दूसरे चरण का सर्वे शुरू किया जाना था।

लेकिन वहां जमा भीड़ ने देखते ही देखते हिंसकर रूप ले लिया और पुलिस पर ही पथराव करने लगे। जिसे नियंत्रित करने के लिए पुलिस को भी सख्ती दिखानी पड़ी।

Sambhal mosque survey सर्वेक्षण के दौरान भीड़ और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प में तीन लोगों की मौत हो गई। मुरादाबाद कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने इसकी पुष्टि कर दी है। उन्होंने बताया कि इस हिंसा में नोमान, बिलाल और नईम की मौत हुई है।

 

Tension after mosque survey in Sambhal, security tightened

 

Sambhal mosque survey फिलहाल वहां पर मौजूदा स्थिति कंट्रोल में है।

हिंसा उस वक्त भड़की जब मुगलकालीन एक मस्जिद का अदालत के आदेश पर सर्वेक्षण किया जा रहा था। हिंदू पक्ष का दावा है कि यह मस्जिद भगवान विष्णु के एक प्राचीन हरिहर मंदिर की जगह पर बनाई गई थी। वहीं, अफवाह को रोकने के लिए इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया है।

संभल की जामा मस्जिद सर्वेक्षण शुरू होने के लगभग दो घंटे बाद प्रदर्शनकारियों का एक समूह मौके पर जमा हो गया और सुरक्षाकर्मियों पर पथराव शुरू कर दिया। इसमें कई अधिकारी घायल हो गए।

एक पुलिसकर्मी और भीड़ में शामिल दो लोग भी घायल हो गए और उन्हें अस्पताल ले जाया गया। परिस्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। घटना के बाद कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया।

विष्णु शंकर जैन की ओर से दायर याचिका पर स्थानीय अदालत ने सर्वेक्षण का आदेश दिया था। जैन का दावा है कि मस्जिद मुगल सम्राट बाबर द्वारा हरिहर मंदिर को तोड़कर बनवाई गई थी।

क्षेत्र की सांप्रदायिक संवेदनशीलता को देखते हुए अधिकारी विशेष सावधानी बरत रहे हैं। 1976 में इसी मस्जिद में एक घटना हुई थी, जिसमें एक दूसरे समुदाय के एक व्यक्ति द्वारा  हत्या कर दी गई थी।

Sambhal mosque survey इसके बाद व्यापक हिंसा भड़की थी और एक महीने तक कर्फ्यू लगा रहा था।

सत्तारूढ़ भाजपा ने पथराव की घटना की कड़ी निंदा की है और चेतावनी दी है कि कानून-व्यवस्था को भंग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने आरोप लगाया

कि मस्जिद के सर्वेक्षण को लेकर हुई हिंसा भाजपा, सरकार और प्रशासन द्वारा “चुनावी गड़बड़ी से ध्यान भटकाने” के लिए की गई थी।

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