Top News: दिल्ली-एनसीआर में हर तरफ धुआं-धुआं है। राष्ट्रीय राजधानी के क्षेत्रों में एक्यूआई 500 पर पहुंच गया। ऐसे में राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन और मानव स्वास्थ्य कार्यक्रम (एनपीसीसीएचएच) ने अपने पुराने दिशा-निर्देशों को याद दिलाते हुए कहा है कि यह प्रदूषण का आपातकाल है। ऐसी स्थिति में इन्सानों के लिए वायु प्रदूषण और भी ज्यादा जोखिम भरा हो जाता है। इसके अलावा, दिल्ली में वायु प्रदूषण अति गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है। सोमवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 494 दर्ज किया, जोकि अति गंभीर श्रेणी में है। यह इस सीजन का सबसे अधिक एक्यूआई दर्ज किया गया।
वहीं, रविवार की तुलना में 53 सूचकांक अधिक है। इसी को देखते हुए दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने कल से कक्षा 12वीं तक के स्कूल बंद करने के आदेश दिए हैं। सभी कक्षाएं ऑनलाइन चलेंगी। दूसरी तरफ, ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में 19वें जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ब्राजील के राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला दा सिल्वा और अन्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों और शीर्ष नेताओं की मौजूदगी में भूख और गरीबी के खिलाफ वैश्विक गठबंधन का शुभारंभ हुआ। इस मौके पर सभी देशों के नेताओं ने एकजुटता दिखाई और प्रतीकात्मक ग्रुप फोटो के माध्यम से भूख और गरीबी के खिलाफ लड़ाई का संदेश दिया।
दिल्ली-एनसीआर में हर तरफ धुआं-धुआं है। राष्ट्रीय राजधानी के क्षेत्रों में एक्यूआई 500 पर पहुंच गया। ऐसे में राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन और मानव स्वास्थ्य कार्यक्रम (एनपीसीसीएचएच) ने अपने पुराने दिशा-निर्देशों को याद दिलाते हुए कहा है कि यह प्रदूषण का आपातकाल है। ऐसी स्थिति में इन्सानों के लिए वायु प्रदूषण और भी ज्यादा जोखिम भरा हो जाता है। यह सीधे तौर पर मस्तिष्क, फेफड़े, दिल और आंखों के साथ साथ किडनी और त्वचा को भी प्रभावित करने लगता है।
एनपीसीसीएचएच ने आम लोगों को सलाह दी है कि सुबह-शाम खिड़की दरवाजों को बंद रखें। बहुत जरूरी होने पर दोपहर 12 से शाम चार बजे के बीच ही इन्हें खोल सकते हैं। फ्लैट्स में रहने वाले लोग मच्छर भगाने वाली क्वाइल और अगरबत्ती जलाना तत्काल बंद कर दें।
एनपीसीसीएचएच ने साफ तौर पर कहा है कि इस समय एन-95 मास्क भी फेल हो सकता है, क्योंकि हवा में पीएम 2.5 का स्तर 700 से भी ज्यादा पहुंचा है। ऐसे में एन-95 के स्थान पर एन-99 मास्क लगाना ही फायदेमंद हो सकता है।
उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, पंजाब और राजस्थान के लिए जारी आदेश में कहा गया है कि जिन इलाकों में प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा गंभीर है, वहां के अस्पतालों में श्वसन संबंधी परेशानियों से ग्रस्त मरीजों की जानकारी अलग से रखी जाए।
अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों को अलर्ट पर रखते हुए प्रदूषण प्रभावित रोगियों के लिए अलग से इंतजाम किया जाए। इसके लिए जिला स्तरीय एआरआई निगरानी रिपोर्टिंग प्रारूप भी दिया है, जिसे हर दिन ऑनलाइन दिल्ली भेजना अनिवार्य है।