प्रमोद इंटर कॉलेज के पीटीआई रहे सत्यनारायण शर्मा का निधन
एक लंबे समय से चल रहे थे अस्वस्थ, कछला गंगा घाट पर किया गया अंतिम संस्कार
उनके पुत्र ने चिता को दिए मुखाग्नि
(सहसवान से समर इंडिया के लिए एसपी सैनी की रिपोर्ट)
सहसवान (बदायूँ) नगर के मोहल्ला तहसील गेट तथा प्रमोद इंटर कॉलेज मैं पीटीआई रहे प्रवक्ता सत्यनारायण शर्मा 82 वर्ष का रविवार की सांय मध्य प्रदेश के गुना जनपद में आवास पर निधन हो गया वह एक लंबे समय से बीमार चल रहे थे तथा अहमदाबाद के एक अस्पताल में कैंसर रोग से पीड़ित होने के उपरांत उपचार चल रहा था उनके निधन की खबर मिलते ही उनके शुभचिंतक उनके आवास पर पहुंच गए सोमवार को अपराह्न में उनके एकमात्र पुत्र दिवाकर नारायण तिवारी उनके शव को लेकर सहसवान तहसील गेट आवास पर पहुंचे जहां उनके शब को अंतिम दर्शनार्थ के लिए रखा गया जहां भारी तादाद में पहुंचे उनके शुभचिंतकों ने शव पर जाकर पुष्प चढ़ाएं तथा शोक संतृप्त परिवार को दुख की घड़ी में धैर्य धारण करने की ईश्वर से प्रार्थना करते हुए मृत आत्मा को अपने चरणों में स्थान देने के लिए प्रार्थना की।
प्रमोद इंटर कॉलेज में पीटीआई पद से सेवा निविर्त हुए सत्यनारायण कुछ समय तहसील गेट स्थित अपने आवास पर रहने के उपरांत गुना मध्य प्रदेश में अपने पुत्र दिवाकर नारायण तिवारी के पास पहुंच गए जहां रहने लगे सहसवान से उनका गहरा नाता रहा वह सहसवान अक्षर आते रहते थे।
कुछ समय पहले श्री शर्मा अस्वस्थ हो गए तो परिजनों ने उनका चिकित्सीय परीक्षण कराया जिसमें उन्हें कैंसर रोग की पुष्टि हुई कैंसर रोग की पुष्टि होने के उपरांत श्री शर्मा को अहमदाबाद के एक निजी चिकित्सालय में उपचार कराया गया कई महीने उपचार के बाद वह गुना वापस आ गए जहां से उन्हें दीपावली बाद उपचार के वास्ते दोबारा अहमदाबाद जाना था पंरतु भगवान को तो कुछ और मंजूर था रविवार को शाम 5:00 बजे के लगभग गुना मध्य प्रदेश में एकमात्र पुत्र दिवाकर नारायण तिवारी के आवास पर उन्होंने अंतिम सांस ली उनके शब को एंबुलेंस द्वारा तहसील गेट आवास पर लाया गया जहां कुछ समय के लिए शुभचिंतकों के दर्शनार्थ रखा गया जहां शाम को उनके शब्द को कछला गंगा घाट ले जाया गया जहां उनके पुत्र दिवाकर नारायण तिवारी ने चिता को मुख अग्नि दी।
के अंतिम संस्कार के समय पूर्व बार अध्यक्ष रविंद्र नारायण सक्सेना विनोद गुप्ता दीपक शर्मा अवीर सक्सेना सहित भारी तादाद में उनके शुभचिंतक तथा परिजन उपस्थित थे।
श्री शर्मा अपने पीछे एकमात्र पुत्र तथा पांच विवाहित पुत्री को छोड़ गए हैं।