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बदायूँ नीलकंठ महादेव मंदिर बनाम जामा मस्जिद विवाद: अगली सुनवाई 10 दिसंबर को

बदायूँ नीलकंठ महादेव मंदिर बनाम जामा मस्जिद विवाद..अगली सुनवाई 10 दिसंबर को 

कोर्ट में बहस नहीं हुई पूरी,10 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई..

बदायूं।नीलकंठ महादेव मंदिर बनाम जामा मस्जिद मामले में मंगलवार को सुनवाई हुई। इंतजामिया कमेटी की तरफ से इस मामले में कोर्ट में बहस की गई।अब सुनवाई 10 दिसंबर को होगी।अदालत के बाहर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम रहे। चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात रहा।

मंगलवार को न्यायालय में इंतजामिया कमेटी की तरफ से उनके वकील अनवर आलम ने बहस के दौरान कहा कि यह मामला खारिज किया जाए। हिंदू पक्ष को दावा दायर करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि हिंदू पक्ष ने सुन्नी वक्फ बोर्ड को भी पार्टी बनाया है।अगर वह यह मान रहा है कि ये वक्फ संपत्ति है तो सिविल न्यायालय में यह वाद चलेगा ही नहीं।

वक्फ संपत्ति के अनुसार यह मामला अधिकरण (ट्रिब्यूनल) में चलेगा। बहस में पुरातत्व विभाग को भी पार्टी बनाने पर सवाल उठाया।कहा गया कि जिलाधिकारी को पार्टी बनाया गया है, जबकि उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया है।बहस में आगे कहा गया कि मौके पर जामा मस्जिद है, मंदिर नहीं। 15 अगस्त 1947 से पहले से इंतजामिया कमेटी का उस पर कब्जा रहा है। 1947 के बाद भी उस पर उनका ही कब्जा है। बहस के दौरान यह भी कहा गया कि इंतजामिया कमेटी व वक्फ बोर्ड पर वाद कारण नहीं बन रहा है।

नोटिस में अलग-अलग तथ्य:-हिंदू पक्ष ने जो ज्ञापन प्रशासन को दिया, उसमें व सरकार को भेजे गए नोटिस में तथ्य अलग-अलग हैं। सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट के न्यायाधीश अमित कुमार ने बहस के बाद 10 दिसंबर अगली सुनवाई के लिए तारीख तय कर दी।

बता दें कि अखिल भारत हिंदू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष मुकेश पटेल ने जामा मस्जिद में नीलकंठ महादेव मंदिर होने का दावा करते हुए 2022 में याचिका दाखिल की थी। इसपर न्यायालय में सुनवाई चल रही है।सुनवाई में पहले सरकार पक्ष कि तरफ से बहस शुरू कि गई थी जो समाप्त हो चुकी है। अब इंतजामिया कमेटी की तरफ से बहस शुरू हुई है। इस पूरे मामले की सुनवाई होने के बाद न्यायालय अपना फैसला देगा कि वाद चलने लायक है या नहीं।

सरकारी अधिवक्ता ने बताया था मस्जिद को प्राचीन स्मारक:-मंगलवार को इंतजामिया कमेटी ने बहस शुरू की। इससे पहले सरकार की तरफ से अधिवक्ता ने बहस में जगह को प्राचीन स्मारक बताया था। हिंदू पक्ष की तरफ से वादी ने बताया था कि जहां पर जामा मस्जिद है, पहले यहां पर नीलकंठ महादेव मंदिर हुआ करता था। मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई है।

संभल प्रकरण व ओवैसी के बयान के बाद चर्चा में आया प्रकरण:-मंगलवार को यह मामला चर्चा का विषय बना रहा। अदालत में बहस के दौरान कई अधिवक्ता पूरे मामले को सुन रहे थे।मामला वर्ष 2022 से चल रहा है। अब से पहले इस मामले में जितनी भी बहस हुई है। वह कभी चर्चा में नहीं रही।संभल हिंसा व असदुद्दीन ओवैसी के बयान के बाद एकाएक मामला सुर्खियों में आ गया।रिपोर्ट-जयकिशन सैनी

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