(जरीफनगर गोलीकांड) प्रधानी के चुनाव से शुरू हुई थी दो पक्षों में खूनी रंजिश, दो साल में चार हत्याएं, ‘अपने ही बने जान के दुश्मन –
रंजिश ऐसी... हर समय रखते थे दोनों पक्ष अपने पास असलहे

(जरीफनगर गोलीकांड) प्रधानी के चुनाव से शुरू हुई थी दो पक्षों में खूनी रंजिश, दो साल में चार हत्याएं, ‘अपने ही बने जान के दुश्मन –
बदायूं। जरीफनगर थाना क्षेत्र के गांव आरिफपुर भक्ता नगला में हुए तिहरे हत्याकांड की मुख्य वजह प्रधानी चुनाव की रंजिश बताई जा रही है। दोनों ही पक्ष आपस में रिश्तेदार हैं। अप्रैल 2021 में हुए प्रधानी के चुनाव में महीपाल पक्ष ने वर्तमान प्रधान रामसेवक और अमर सिंह पक्ष ने पूर्व प्रधान सर्वेश को चुनाव लड़ाया था। इस दौरान वोट काटने को लेकर दोनों पक्षों में रंजिश पनपने लगी। इस रंजिश में अब तक चार लोगों की हत्या हो चुकी है। चुनाव के बाद अमर सिंह पक्ष ने विरोधी पक्ष के जगदीश की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। इस मामले में पूर्व प्रधान सर्वेश भी नामजद है।

अमर सिंह और महीपाल आपस में रिश्तेदार हैं। महीपाल, अमरसिंह का रिश्ते का चाचा लगता है। दोनों ही यादव बिरादरी के हैं। महीपाल के पिता चंपत सिंह गांव के पूर्व प्रधान थे और भाई कल्यान जिला पंचायत सदस्य रहा है। हालांकि दोनों की पूर्व में मौत हो चुकी है लेकिन उनके परिवार पर राजनीति का जुनून अब भी सवार है।
अप्रैल 2021 में प्रधानी का चुनाव हुआ था। तब महीपाल खुद प्रधानी का चुनाव नहीं लड़ा लेकिन उसने वर्तमान प्रधान रामसेवक का पूरा साथ दिया था। अपने परिवार के अलावा गांव के अन्य लोगों के भी वोट दिलाए थे, लेकिन अमर सिंह रामसेवक का साथ देने को तैयार नहीं था। उसने पूर्व प्रधान सर्वेश को चुनाव लड़ाया था।

ग्रामीणों के मुताबिक चुनाव के दौरान दोनों पक्ष एक-दूसरे के विरोधी बन गए। विरोध बढ़ने पर दोनों एक-दूसरे से रंजिश मानने लगे। पांच अक्टूबर 2021 की रात सर्वेश और सीताराम शराब पी रहे थे। इस दौरान उन्होंने गालीगलौज किया। इसका 65 वर्षीय जगदीश के बेटे वीरेश ने विरोध किया तो उन्होंने पथराव कर दिया था। शोर सुनकर जगदीश मौके पर पहुंचे। उन्होंने समझाने की कोशिश की तो आरोपियों ने उन पर हमला कर दिया और पीट-पीटकर उनकी हत्या कर दी। इस मामले में भजनलाल की तहरीर पर सर्वेश, सीताराम, अमरसिंह और अमरपाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी। बुधवार को फिर से दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए। उनके बीच हुई गोलीबारी में तीन लोगों की जान चली गई।

रंजिश ऐसी… हर समय रखते थे दोनों पक्ष अपने पास असलहे:- दोनों पक्षों में ऐसी रंजिश पनप रही थी कि उन्होंने अंटी में असलहे रखना शुरू कर दिए थे। जिस वक्त रेशमपाल ने ट्रैक्टर निकालने का विरोध किया था, तब महीपाल ने उस पर फायर कर दिया था। जब तक दूसरा पक्ष के अमर सिंह आदि असलहे लेकर पहुंचे। तब तक रेशमपाल की मौत हो चुकी थी। बाद में अमर सिंह की ओर से फायरिंग में जयप्रकाश और सतेंद्र की जान चली गई तो वहीं हरिओम जिंदगी मौत से जूझ रहा है।