हाल ही में सोशल मीडिया पर एक बड़ी खबर यूपी से सामने आ रही है जिसमे आपको बतादें कि प्रयागराज उमेश पाल हत्याकांड के सिलसिले में एक व्यक्ति की गिरफ्तारी के बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मुस्लिम छात्रावास को खाली करने और सील करने के बाद जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, पश्चिम बंगाल और बिहार के दर्जनों मुस्लिम छात्रों ने एक रेलवे स्टेशन पर दो रातें बिताईं।
प्रशासन ने क्या कहा नोटिस में?
इतना ही नहीं मुस्लिम छात्रावास में लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, बंगाल, बिहार, मध्य प्रदेश और झारखंड सहित देशों के विभिन्न हिस्सों से 160 कमरों में लगभग 250 छात्र रहते हैं। जिला प्रशासन के एक नोटिस में कहा गया था कि 6 मार्च 2023 से ईद (22 अप्रैल) तक छात्रावास बंद रहेगा। आदेश का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाएगी।
बिना पढ़ाई कैसे देंगे परीक्षा
वहीं दूसरी ओर छात्रों ने ऐसा होने पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि परिक्षाओं के नजदीक होस्टल बंद करके हमें बाहर निकाल दिया गया है। ऐसे में हम बिना किताबों, नोट्स और पढ़ाई के कैसे परीक्षा देंगे। एक अपराध के लिए 250 छात्रों को क्यों सजा मिल रही है। बता दें कि मुस्लिम बोर्डिंग हाउस (मुस्लिम छात्रावास) इलाहाबाद विश्वविद्यालय के लड़कों के छात्रावासों में से एक है।
एक की हुई थी गिरफ़्तारी
आपको बतादें कि यह क्षेत्र में मुस्लिम समुदाय में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए 1892 में जंग बहादुर मौलाना समीउल्लाह खान द्वारा स्थापित किया गया था। पुलिस ने दावा किया कि गाजीपुर निवासी और इलाहाबाद विश्वविद्यालय का पूर्व छात्र सदाकत खान उमेश पाल हत्याकांड में शामिल था और उसे पिछले सोमवार को एसटीएफ ने छात्रावास से गिरफ्तार किया था।
पुलिस के मुताबिक हत्या की साजिश इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के मुस्लिम हॉस्टल में रची गई थी और सदाकत खान इसका हिस्सा था। वह मुस्लिम बोर्डिंग हाउस के कमरा नंबर 36 में रह रहा था। सदाकत खान को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था और बाद में 27 फरवरी को पूछताछ के बाद जेल भेज दिया था।