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सरसों और रिफाइंड तेलों के दामों में आई नरमी, गृहणियों को इस बार मिलेगी सहुलियत,

इस बार सरसों की हुई है बंपर पैदावार, पिछले साल तेल पर मंहगाई का करना पड़ा था सामना,

सरसों और रिफाइंड तेलों के दामों में आई नरमी, गृहणियों को इस बार मिलेगी सहुलियत,

इस बार सरसों की हुई है बंपर पैदावार, पिछले साल तेल पर मंहगाई का करना पड़ा था सामना,
जयकिशन सैनी (समर इंडिया)

बदायूं। इस बार गृहणियों को राहत भरी खबर है। होली पर्व पर गृहणियों को खाद्य तेलों में महंगाई का सामना नहीं करना पड़ेगा। पिछले साल अधिक पैदावार होने के बाद भी सरसों और रिफाइंड के तेल के दाम आसमान छू रहे थे। इस बार अधिक पैदावार होने की वजह से 40 रपये प्रति लीटर सस्ते हो गये हैं। बाजार में स्टॉक भी पर्याप्त हैं। ऐसे में 15 लीटर वाली टिन के खरीदार बढ़ गए हैं। हालांकि आटा, मैदा और सूजी में प्रति किलो छह रुपये की महंगाई का सामना करना पड़ेगा। जिस तरह से मौसम अनुकूल होने से सरसोंकी अधिक पैदावार हुई है, इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि सरसों के तेल के दाम और भी ज्यादा गिर सकते हैं। इस बार मंडी में सरसों की खूब आवक हो रही है। आढ़तियों के मुताबिक सरसों की अधिक पैदावार हुई है, जिसके चलते पिछले वर्ष की तुलना में सरसों के दाम एक हजार रुपये प्रति क्विंटल कम हो गये हैं। इसके अलावा एक्साइज ड्यूटी कम होने से रिफाइंड सस्ता हुआ है।

एक लीटर तेल पर 40 रूपये तक आई गिरावट,अभी और दाम गिरने के है आसार:- नतीजतन थोक और खुदरा बाजार में सरसों का तेल व रिफाइंड सस्ता बेचा जा रहा है। बीते वर्ष जिले में 27 हजार हेक्टेयर में सरसों का उत्पादन हुआ था। तब सूखी सरसों के 62 सौ रुपये प्रति क्विंटल बिकी थी। हालांकि इस साल बारिश होने से सरसों की फसल प्रभावित हुई। इसके बावजूद इस बार 30 हजार हेक्टेयर में सरसों का उत्पादन किया गया है। अब मंडी में सूखी सरसों 52 सौ रुपये और गीली सरसों चार हजार रुपये बेची जा रही है। भरपूर सरसों होने से खूब पेराई कराई गई है।

दुकानदारों ने बताया कि दो साल पहले फरवरी 2021 में सरसों का तेल 180 और फरवरी 2022 में 160 रुपये प्रति लीटर था। वर्तमान में सरसों का तेल का थोक दाम 115 रुपये प्रति लीटर तक रह गया है। खुदरा दुकानों पर इसकी बिक्री 120 से 122 रुपये प्रति लीटर तक है। हालांकि ब्रांडेड कंपनियों का स्टॉक 130 रुपये लीटर के अनुसार बिक रहा है। इसके 180 रुपये प्रति लीटर बेचा जा रहा है। तेल का कारोबार करने वाले राहुल साहू ने बताया कि सरसों के अलावा अन्य तेल का विदेश से आयाता किया होकर सिर्फ पांच रुपये रह गई है। इस रेट मिल सके। इस कारण खाद्य तेलों के दामों में गिरावट आई है। इस बार सरसों का अधिक उत्पादन है। सरसों की आवक शुरू हो गई है। होली तक तेल के दाम और गिर सकते हैं। वहीं किसान होतीलाल ने अलावा पीली सरसों का तेल अभी भी बताया कि सरसों की फसल का अच्छा उत्पादन हुआ है। सरसों का दाम पिछले साल की अपेक्षा एक हजार रुपये प्रति क्विंटल कम है। दाम बढ़ने का इंतजार किया जा रहा है। तब ही मंडी लेकर फसल जायेंगे जाता है। ताकि सही रेट मिल सके।

बीते दो साल तेलों में छाई रही मंहगाई:- तेल कारोबारियों के मुताबिक रिफाइंड में इस्तेमाल होने वाला पॉम ऑयल इंडोनेशिया से आता है। सोयाबिन रिफाइंड अर्जेंटिना, ब्राजील से और सूरजमुखी रिफाइंड रूस से आयात किया जाता है। दो साल पहले लॉक डॉउन के दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजार में मंदी छाई रही। ऐसे में रिफाइंड के दाम काफी बढ़ गए थे। तब रिफाइंड की 15 लीटर वाली टिन के दाम 2800 रुपये तक पहुंच गए थे। वहीं, बीते साल रूस- यूक्रेन युद्ध शुरू होने से भी रिफाइड की आपूर्ति नहीं हो सकी थी। तब इस कमी की पूर्ति सरसों के तेल से की गई। किसानों के पास स्टॉक में रखी हुई जो सरसों थी उसके भी खत्म होने से तेल के दाम बढ़े थे। अब रूस में सप्लाई की आपूर्ति बहाल हो गई है। वहीं, 35 से 40 रुपये की एक्साइज ड्यूटी से घटकर मात्र पांच रुपये रह गई है। ऐसे में पॉम आयल 2500 रुपये प्रति टिन से 1600 रुपये प्रति टिन रह गया है। रिफाइंड भी 2200 रुपये प्रति टिन बेचा जा रहा है।

बाजार में मसालों के दाम स्थिर:- बदायूं। बाजार में मसालों के दाम स्थिर हैं। थोक बाजार में हल्दी 110 रुपये प्रति किलो, मिर्च 215 रुपये प्रति किलो, धनिया 100, जीरा 340 तो खुरा में हल्दी 115 से 120 रुपये, मिर्च 220 से 230 रुपये किलो, धनिया 110 रुपये जीरा 360 रुपये प्रति किलो बिक रहा है।

बीते छह माह से मंहगा है आटा:- बदायूं। बीते साल जुलाई में अनब्रांडेड खाद्यान्न व अन्य खाद्य पदार्थों पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाने के बाद से ही आटा, चावल के दाम बढ़ने लगे थे। उस समय अनब्रांडेड 26 से आटा चार रुपये बढ़कर 30 रुपये प्रति किलो पहुंच गया था। अब बाजार में आटा 36 से 38 रुपये प्रति किलो, मैदा 38 से 40 रुपये, सूजी 40 से 42 रुपये प्रति किलो थोक व खुदरा में बिक रहा है।

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