देवभूमि (उत्तराखंड)

जोशीमठ के लोगो का छलका दर्द, चेक मिलने के बाद बोले आपदा प्रभावित- जोशीमठ में ही रहेंगे

The pain of the people of Joshimath, after getting the check, they said that the affected people will remain in Joshimath

एक बड़ी खबर सोशल मीडिया पर सामने आ रही है जिसमे आपको बतादें कि आपदा प्रभावितों को क्षतिग्रस्त मकान के मुआवजे के रुप में चेक वितरित होने के बाद उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि वे जोशीमठ में ही रहेंगे, यहीं सुरक्षित जगह पर जमीन लेकर मकान बनाएंगे। प्रभावितों के आंसू उनका दर्द बयां कर रहे हैं।

यहीं सुरक्षित स्थान पर मकान बनाकर रहेंगे

वहीँ दूसरी ओर सेना से सेवानिवृति के बाद अपनी जमापूंति से मकान बनाया, लेकिन भू-धंसाव में मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। अब प्रशासन की ओर से 36 हजार 527 वर्ग मीटर की दर पर मुआवजा राशि दी है, इससे संतुष्ट हूं, जोशीमठ छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे, यहीं सुरक्षित स्थान पर मकान बनाकर रहेंगे। सरकार की ओर से उचित मुआवजा दिया गया है। – मंगलू लाल, आपदा प्रभावित, गांधीनगर।

मकान पर आई दरारें अधिक

आपको बताते चले कि सुनील वार्ड में भू-धंसाव से कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। हमारा मकान भी रहने लायक नहीं रह गया था। मकान पर दरारें ज्यादा आ गई हैं। हमें मकान के मूल्यांकन के हिसाब से मुआवजा राशि मिल गई है। सरकार की ओर से निर्धारित मानकों के आधार पर ही राहत पैकेज दिया गया है। जोशीमठ को छोड़कर नहीं जाएंगे। – कृष्णा पंवार, सुनील वार्ड के प्रभावित

सरकार की और से दिया गया मुआवज़ा

सरकार की ओर से दिया गया राहत पैकेज मिल गया है। अब मुआवजे की धनराशि से नया मकान का निर्माण करेंगे। अभी यह तय नहीं किया है कि मकान कहां बनाएंगे, सरकार की ओर से शासनादेश के अनुसार ही मुआवजा दिया है। जोशीमठ में कुछ ही जगहों पर भू-धंसाव हो रहा है, जबकि 70 फीसदी क्षेत्र सुरक्षित है। अन्य जगह पर बसने की अभी कोई इच्छा नहीं है। – बलदेव पंवार, आपदा प्रभावित, सुनील वार्ड

दूसरी ओर भू-धंसाव से क्षतिग्रस्त पड़ा नृसिंह मंदिर मार्ग पर अभी तक सुधारीकरण कार्य शुरु नहीं हो पाया है। बदरीनाथ धाम और हेमकुंड साहिब की तीर्थयात्रा इसी मार्ग से होकर गुजरनी है।

यहां नृसिंह मंदिर और पेट्रोल पंप के समीप मार्ग के निचले हिस्से में भू-धंसाव हो रहा है। लोक निर्माण विभाग की ओर से अभी तक मार्ग पर सुधारीकरण कार्य शुरु नहीं किया गया है।

Source. amarujala

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