बदायूं जामा मस्जिद व नीलकंठ महादेव मंदिर के मामले की अगली सुनवाई 29 नवंबर को, कोर्ट ने गजट संबंधी प्रकाशन को लेकर संबंधित से 10 दिन में आख्या तलब की है।
अखिल भारत हिंदू महासभा की दलील मंदिर को तोड़कर बनाई गई मस्जिद,मुस्लिम पक्ष के मुताबिक जामा मस्जिद शम्सी लगभग 840 साल पुरानी है मस्जिद का निर्माण शमसुद्दीन अल्तमश ने करवाया था। यहां मंदिर का कोई अस्तित्व नहीं है।
बदायूं जामा मस्जिद व नीलकंठ महादेव मंदिर के मामले की अगली सुनवाई 29 नवंबर को, कोर्ट ने गजट संबंधी प्रकाशन को लेकर संबंधित से 10 दिन में आख्या तलब की है।
अखिल भारत हिंदू महासभा की दलील मंदिर को तोड़कर बनाई गई मस्जिद, मुस्लिम पक्ष के मुताबिक जामा मस्जिद शम्सी लगभग 840 साल पुरानी है मस्जिद का निर्माण शमसुद्दीन अल्तमश ने करवाया था। यहां मंदिर का कोई अस्तित्व नहीं है।
जयकिशन सैनी (समर इंडिया)
बदायूं| नीलकंठ महादेव बनाम जामा मस्जिद के मामले मे अगली सुनवाई 29 नवंबर को होगी। अधिवक्ताओं के न्यायिक कार्य से विरत रहने के प्रस्ताव के चलते सोमवार को होने वाली सुनवाई टल गयी। कोर्ट ने गजट संबंधी प्रकाशन को लेकर संबंधित से 10 दिन में आख्या तलब की है ।
बदायूं के सिविल जज सीनियर डिवीजन विजय कुमार गुप्ता की कोर्ट में जामा मस्जिद बनाम नीलकंठ महादेव के मुकदमे में अधिवक्ताओं के न्यायिक कार्य से विरत रहने के प्रस्ताव के चलते टल गयी। वहीं कोर्ट ने गजट प्रकाशन संबंधी रिपोर्ट संबंधित से 10 दिन के अंदर देने के लिए कहा है। पिछली तिथि पर कोर्ट ने विपक्षियों को जानकारी हेतु मामले में गजट प्रकाशित करने का आदेश दिया था। इसके साथ ही शासकीय सिविल अधिवक्ता संजीव कुमार वैश्य की ओर से मुकदमा पोषणीय न होने के चलते खारिज करने की मांग की है। नीलकंठ महादेव पक्ष के अधिवक्ताओं ने जामा मस्जिद की ओर से दिये गये मामलों पर आपत्ति दाखिल की गई।
नीलकंठ महादेव पक्ष की ओर से यह है दावा:- अखिल भारत हिंदू महासभा की ओर से प्रदेश संयोजक मुकेश पटेल आदि द्धारा अदालत में किए गए दावे के मुताबिक शहर में स्थित जामा मस्जिद पूर्व में राजा महीपाल का किला था। यहां नीलकंठ महादेव का मंदिर था। मस्जिद की मौजूदा संरचना नीलकंठ महादेव के प्राचीन मंदिर को ध्वस्त करके बनाई गई है। साल 1175 में पाल वंशीय राजपूत राजा अजयपाल ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था। मुगल शासक शमसुद्दीन अल्तमश ने इसे ध्वस्त करके जामिया मस्जिद बना दिया। इसका नक्शा समेत सरकारी गजेटियर भी कोर्ट में पेश किया गया है।
ये है मुस्लिम पक्ष का दावा:- इंतजामिया कमेटी के सदस्य व अधिवक्ता असरार अहमद मुस्लिम पक्ष के वकील हैं। उनके मुताबिक जामा मस्जिद शम्सी लगभग 840 साल पुरानी है। मस्जिद का निर्माण शमसुद्दीन अल्तमश ने करवाया था। यहां मंदिर का कोई अस्तित्व नहीं है।