उत्तर प्रदेश

अनूसुचित जाति व पिछड़े वर्ग के लोगों के अरमानों पर शासन ने फेरा पानी, नगर निकाय चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए कर रहे थे तैयारी

अनूसुचित जाति व पिछड़े वर्ग के लोगों के अरमानों पर शासन ने फेरा पानी, नगर निकाय चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए कर रहे थे तैयारी

रिपोर्ट – एस.पी सैनी

सहसवान। नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्धारा नगर निकाय चुनाव में अध्यक्ष पद का पद अनारक्षित घोषित करने के साथ ही नगर में चुनाव की तैयारी में जुटे अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़े वर्ग के नेताओं में मायूसी छा गई है वह एक लंबे समय से अध्यक्ष पद के आरक्षण प्रक्रिया का इंतजार करते हुए अपना क्षेत्र में निरंतर मतदाताओं से संपर्क करते हुए अपनी जीत सुनिश्चित करने पर तुले हुए थेl

ज्ञात रहे वर्ष 1995 में उत्तर प्रदेश सरकार द्धारा आरक्षण व्यवस्था लागू की जाने के उपरांत प्रदेश भर में नगर निकाय चुनाव ने आरक्षण व्यवस्था के तहत चुनाव संपन्न कराए गए थे आरक्षण व्यवस्था में प्रत्येक चुनाव आरक्षण के चक्रअनुपात के अनुसार प्रदेश सरकार को आरक्षण करना होता है आरक्षण के अनुसार चुनाव निर्वाचन आयोग के द्वारा संपन्न कराए जाते हैंl

वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश सरकार द्धारा अध्यक्ष पद आरक्षण व्यवस्था के तहत अनारक्षित घोषित किया गया था। जिसका कार्यकाल महा दिसंबर में समाप्त हो रहा है। नगर निकाय के अध्यक्ष पद का बोर्ड का कार्यकाल पूर्ण होने के उपरांत नए अध्यक्ष पद तथा सदस्य पद आरक्षण उत्तर प्रदेश सरकार द्धारा घोषित कर दिए गए नगर निकाय अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नगर सहसवान के पिछड़े वर्ग के कई नेता जिसमें महेंद्र सिंह शाक्य उर्फ फौजी कमर कुरैशी रामअवतार कश्यप मदन लाल शाक्य देवेंद्र प्रजापति अनुसूचित जाति से रूमाली सिंह पूर्व ब्लाक प्रमुख सुरेश चंद जाटव मूलचंद सागर जयराम जाटव आकाश पुत्तन कप्तान सिंह जाटव राहुल बाल्मीकि पालिका सदस्य महावीर सहित दर्जनों अनुसूचित जाति तथा पिछड़े वर्ग जाति के कई दिग्गज नेता कई वर्षों से नगर पालिका अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने के लिए नगर में जी तोड़ मेहनत कर रहे थे। तथा समाज सेवा करते हुए लोगों के दुख सुख में शरीक हो रहे थे। सक्रिय नगर पालिका अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने वाले समाजसेवी किसी भी कीमत पर आरक्षण होते ही चुनाव लड़ने के लिए साम-दाम-दंड-भेद की व्यवस्था करते हुए पूर्ण रूप से तैयार थे।

बताया जाता है। कि कई दिग्गजों ने पंपलेट होर्डिंग भी बनवाकर अपने घर पर रख ली थी। परंतु उत्तर प्रदेश सरकार द्धारा 5 दिसंबर को नगर निकाय की आरक्षण व्यवस्था की घोषणा नगर पालिका अध्यक्ष पद का आरक्षण सामान्य वर्ग के लोगों को आरक्षित होते ही अनुसूचित जाति तथा पिछड़े वर्ग के सक्रिय नेताओं की आशाओं पर पानी फिर गया नगर निकाय सहसवान के अध्यक्ष पद का आरक्षण सामान्य वर्ग को घोषित होने के बाद अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ने वाले सक्रिय नेता अब ठंडे हो गए हैं जानकारी मिली है। अनुसूचित जाति तथा पिछड़े वर्ग के कुछ सक्रिय नेता आरक्षण व्यवस्था को चुनौती देने के लिए जिला प्रशासन के यहां आपत्ति दर्ज कराकर माननीय उच्च न्यायालय की शरण में भी जा सकते है। जिसकी नगर में व्यापक चर्चा हो रही है। एक बार फिर नगर पालिका परिषद सहसवान में अध्यक्ष पद का आरक्षण सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित होने से अध्यक्ष सामान्य वर्ग का ही चुना जाएगा।

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