उत्तर प्रदेश

किसानों ने की धान की कटाई तेज, बरसात से हुए नुकसान का सर्वे नहीं कर रहे लेखपाल, बिगड़ेगा आंकलन

किसानों ने की धान की कटाई तेज, बरसात से हुए नुकसान का सर्वे नहीं कर रहे लेखपाल, बिगड़ेगा आंकलन

जयकिशन सैनी (समर इंडिया)

बदायूं। इस समय तमाम किसानों की धान की फसल खेतों में सड़ रही है। उन्होंने ज्यादा नुकसान से बचने को अपनी फसल उठाना शुरू कर दी है, लेकिन राजस्व विभाग ने अभी तक सर्वे शुरू नहीं किया है। इससे फसल के नुकसान का आंकलन बिगड़ने का अनुमान है।
प्रदेश सरकार ने पिछले सप्ताह तेज बारिश को देखते हुए किसानों को फसल के नुकसान का मुआवजा देने की घोषणा की थी। इस बार जिले में ढाई लाख हेक्टेयर में खरीफ की फसल हुई, जिसमें एक लाख, चार हजार हेक्टेयर में बाजरा और 83 हजार हेक्टेयर में धान की फसल लगाई गई। अन्य में गन्ना, उड़द, तिल आदि की फसलें हुईं। तेज बारिश में सबसे ज्यादा धान की फसल को नुकसान पहुंचा। उस वक्त धान की फसल पककर तैयार खड़ी थी। जो फसल पक चुकी थी, वह खेतों में बिछ गई। उसमें पानी भर गया। कई दिन बारिश होने से खेतों में पानी नहीं सूखा।

इन हालातों को देखते हुए प्रदेश सरकार ने किसानों को मुआवजा देने का आदेश दिया था। कहा गया था कि जिन किसानों का 33 प्रतिशत से ऊपर नुकसान हुआ है। उन्हें 18 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा, लेकिन सर्वे शुरू न होने से किसान चिंतित हैं। बारिश थमने के बाद अब तक करीब 30 प्रतिशत से ज्यादा किसान धान की फसल उठा चुके हैं। वह अपना खेत खाली कर चुके हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि राजस्व विभाग के सर्वे का आंकलन बिगड़ेगा, किस किसान का कितना नुकसान हुआ, इसकी अनुमान के आधार पर ही रिपोर्ट तैयार कर दी जाएगी।

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