अतीक अहमद के इकबाल को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने योगी सरकार की पुलिस को कटघरे में किया खड़ा
The Allahabad High Court put the Yogi government's police in the dock regarding Atiq Ahmed's Iqbal
हाल ही में सोशल मीडिया पर एक बड़ी खबर सामने आ रही है जिसमे आपको बतादें कि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में दिनदहाड़े बसपा विधायक राजू पाल मर्डर केस के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या मामले में यूपी सरकार लगातार घिर रही है। विपक्ष की ओर से कानून व्यवस्था की स्थिति पर सवाल खड़ा किया गया।
पुलिस का नहीं अतीक अहमद का इकबाल चलता
वहीँ दूसरी ओर विधानसभा में मामला उठा। सीएम योगी आदित्यनाथ गरम हो गए। माफिया को मिट्टी में मिला देने की बात कही। अब इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट की कड़ी टिप्पणी आई है। कोर्ट ने कहा कि प्रयागराज के धूमनगंज थाना क्षेत्र में पुलिस का नहीं अतीक अहमद का इकबाल चलता है। हाई कोर्ट की टिप्पणी योगी सरकार के प्रदेश में कानून के शासन के दावों के उलट है।
योगी सरकार की पुलिस को कटघरे में खड़ा
इतना ही नहीं अब कोर्ट की टिप्पणी के हवाले से विपक्षी दलों को सरकार पर हमले का मौका मिल गया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक मामले की सुनवाई के दौरान बड़ी टिप्पणी आई है। बाहुबली माफिया अतीक अहमद के इकबाल को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने योगी सरकार की पुलिस को कटघरे में खड़ा कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि देखने से लगता है कि धूमनगंज थाना क्षेत्र में पुलिस का नहीं, अतीक अहमद का इकबाल चलता है।
सुलेम सराय में दिनदहाड़े हुई थी उमेश पाल की हत्या
आगे इस मामले में यह सख्त टिप्पणी जस्टिस डीके सिंह ने की है। 24 फरवरी 2023 को सुलेम सराय में दिनदहाड़े हुई उमेश पाल की हत्या मामले में यह टिप्पणी की। हालाँकि मृतक उमेश पाल ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में 25 जनवरी 2005 को इलाबाहाद शहर पश्चिमी के तत्कालीन विधायक राजू पाल और दो सुरक्षा गार्डों की दिनदहाड़े हुई हत्या के आरोपी फरहान की जमानत याचिका निरस्त करने की याचिका दायर की थी। 24 नवंबर 2005 को सत्र न्यायालय ने फरहान को जमानत दी थी। इसकी सुनवाई इलाहाबाद हाई कोर्ट में चल रही थी। इसी बीच उमेश पाल की हत्या हो गई।