उत्तर प्रदेश

नगरपालिका में ठेका प्रथा के रूप में घर बैठे भुगतान ले रहे 37 कर्मचारियों को प्रशासक ने दिखाया बाहर का रास्ता, कर्मचारियों में मचा हड़कंप,

नगरपालिका में ठेका प्रथा के रूप में घर बैठे भुगतान ले रहे 37 कर्मचारियों को प्रशासक ने दिखाया बाहर का रास्ता, कर्मचारियों में मचा हड़कंप,

सत्ता से जुड़े नेताओं के यहां कर्मचारियों ने परिक्रमा लगानी की शुरू,
रिपोर्ट – एस.पी सैनी

सहसवान। नगर पालिका परिषद सहसवान का शासन द्धारा बोर्ड का कार्यकाल समाप्त घोषित किए जाने के उपरांत अधिशासी अधिकारी को प्रशासक के रूप में कार्यभार संभालने के दिए गए निर्देश के उपरांत प्रशासक ने ठेका प्रथा पर रखे गए 223 कर्मचारियों में कार्य न करने वाले 37 कर्मचारियों को चिन्हित करते हुए उनकी सेवाएं समाप्त कर दी। शेष कर्मचारियों के कार्य करने का ब्यौरा जुटाए जाने के निर्देश अधीनस्थों को दिए हैं प्रशासक द्धारा ठेका प्रथा पर पिछले 5 साल से रखे गए 223 कर्मचारियों की नियुक्ति की शिकायतें शासन में भी कई बार की जा चुकी परंतु बोर्ड अध्यक्ष के हस्तक्षेप से अधिकारी कोई निर्णय नहीं ले सके एक ही झटके में प्रशासन द्धारा 37 कर्मचारियों को सेवा से बाहर किए जाने से कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है। हटाए गए कर्मचारियों ने सेवा में दोबारा रखे जाने के लिए सत्ता नेताओं के यहां परिक्रमा लगानी शुरू कर दी है। परंतु प्रशासक ने दो टूक शब्दों में कहा है कि घर बैठे सरकारी पैसा लेने वाले ठेका कर्मचारियों को किसी भी कीमत पर सेवा में नहीं लिया जाएगा।उन्होंने ठेकेदार को भी कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि वह लापरवाह कर्मचारियों की सूची बनाकर या तो स्वयं हटाने का निर्णय ले ले या फिर सूची उपलब्ध करा देंl

ज्ञात रहे उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा नगर में समुचित सफाई व्यवस्था तथा अन्य व्यवस्थाओं को चौकस रखने के उद्देश्य को लेकर ठेका प्रथा के माध्यम से कर्मचारियों की भर्ती की गई थीI

नगर पालिका परिषद सहसवान में शासन के निर्देश पर वर्ष 2017 में तत्कालीन बोर्ड अध्यक्ष मीर हादी अली उर्फ बाबर मियां के कार्यकाल में ठेका संस्था द्धारा 223 कर्मचारियों को रखा गया जिसमें 64 कर्मचारी नगरपालिका कार्यालय तथा 159 कर्मचारी सफाई व्यवस्था में लगाए गए।

चर्चा है। 30% से ज्यादा कर्मचारी घर बैठे ही ठेका प्रथा के नाम पर पालिका से भुगतान लेते रहे घर बैठे फर्जी रूप से निकल रहे भुगतान की शिकायत एक जिला स्तरीय भाजपा नेता के  द्धारा भी शासन में की गई परंतु उस शिकायत को जैसे तैसे रफा-दफा कर दिया गया परंतु ऐसी ही अनेक शिकायतें पूर्व में भी शासन में अनेक समाजसेवी संगठन द्धारा की जा चुकी थी परंतु बोर्ड अध्यक्ष के वर्चस्व के चलते शिकायतें दबा दी गईI

बताया जाता है। कि अधिशासी अधिकारी डॉक्टर राजेश कुमार के संज्ञान में भी यह मामला आया था। परंतु बोर्ड अध्यक्ष का कार्यकाल समाप्त होते ही और प्रशासक के रूप में कार्यभार मिलते ही अधिशासी अधिकारी डॉक्टर राजेश कुमार ने ठेका प्रथा पर घर बैठे फर्जी रूप से पालिका से भुगतान ले रहे 37 कर्मचारियों को चिन्हित करते हुए सेवा से बाहर कर दिया तथा ठेकेदार को भी चेतावनी दी कि वह स्वयं ठेका प्रथा पर रखे गए कर्मचारियों के कार्यों पर नजर रखें तथा लापरवाह एवं घर बैठे वेतन भुगतान पा रहे कर्मचारियों को चिन्हित करते हुए ऐसे कर्मचारियों को सेवा से बाहर करें उन्होंने कहा कि अभी बहुत से ऐसे कर्मचारी हैं जो भुगतान तो नगरपालिका से ले रहे हैं परंतु कार्य जनप्रतिनिधियों के आवास तथा दुकानों एवं क्लीनिक एवं ड्राइवर के रूप में कार्य कर रहे हैंI

अधिशासी अधिकारी प्रशासक डॉ राजेश कुमार ने घर बैठे ठेका प्रथा के रूप में फर्जी रूप से भुगतान लेने वाले कर्मचारियों को कड़ी रूप से चेतावनी देते हुए कहा है कि वह स्वयं ठेका प्रथा पर कार्य ना करने का प्रार्थना पत् कार्यालय को देखकर सेवा मुक्त हो जाएं  अन्यथा  पकड़े जाने पर  उनके विरुद्ध  कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाने के साथी  लिए गए भुगतान की भी वसूली  की जाएगीI

अधिशासी अधिकारी प्रशासक डॉ राजेश कुमार द्धारा ठेका प्रथा के रूप में रखे गए घर बैठे भुगतान प्राप्त कर रहे कर्मचारी सेवा से बाहर की जाने का निर्णय लेते ही कर्मचारियों ने प्रदेश सरकार की भाजपा नेताओं की परिक्रमा करना प्रारंभ कर दी है। तथा उनकी शरण में पहुंचकर वह किसी भी कीमत भाजपा नेताओं से सेवा में रखे जाने की गुहार कर रहे हैंI

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