बिजली कर्मचारियों की हड़ताल, सरकार आई सख्त नज़र, 1322 संविदा कर्मी बर्खास्त
Strike of electricity employees, government came under strict scrutiny, 1322 contract workers were dismissed
हाल ही में सोशल मीडिया पर एक बड़ी खबर सामने आ रही है जिसमे आपको बतादें कि यूपी सरकार ने हड़ताल पर गए बिजली कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। शनिवार दोपहर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ हुई बैठक के बाद प्रदेश के ऊर्जा मंत्री ने हड़ताल पर गए कर्मचारियों को शाम छह बजे तक काम पर लौटने की चेतावनी दी थी।
कई जिलों में बिजली संकट
वहीँ दूसरी ओर उसके पहले 22 कर्मचारी नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया। इन सबके खिलाफ एस्मा के तहत कार्रवाई होगी। वहीं, 1300 संविदा कर्मियों को भी बर्खास्त कर दिया गया है। हड़ताल के चलते राज्य के कई जिलों में बिजली संकट उत्पन्न हो गया। फैक्टरियों में उत्पादन ठप हो गया है और जलापूर्ति भी बाधित हो गई है।
22 नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज
आपको बताते चले कि ऊर्जा मंत्री ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बाद बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री को पूरे मामले से अवगत कराया गया है। विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति के 22 नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा रही है। इन लोगों के खिलाफ एस्मा के तहत कार्रवाई होगी। इनमें से छह को निलंबित किया जा रहा है।
अब तक 1332 की सेवा समाप्त की गई
इतना ही नहीं आगे ऊर्जा मंत्री ने बताया कि संविदाकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है। अब तक 1332 की सेवा समाप्त की गई है। शाम तक अन्य लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। सभी से अपील है कि जनता और अपने परिवार के हित में काम पर लौटें। चार घंटे का समय दे रहे हैं। शाम छह बजे तक नहीं लौटने वालो को बर्खास्त कर दिया जाएगा। जहां बर्खास्त कर रहे हैं।
आगे ऊर्जा मंत्री ने कहा कि कुछ संगठन पांच दिन से हड़ताल पर हैं। उनसे बात करने का लगातार प्रयास कर किया जा रहा है। वार्ता के द्वार खुले है। कई संगठन जनता के हितों की रक्षा कर रहे हैं। वे निष्ठा के साथ काम कर रहे हैं। इन सभी का आभार है। कई निजी कंपनियों ने उत्पादन इकाई में मदद की है। उत्पादक क्षमता 28 मेगावाट की है। ज़रूरत कम है।