एसओजी व पुलिस टीम ने हुक्का बार मे की छापेमारी, लूट की योजना बना रहे 6 लूटेरों को पुलिस ने किया गिरफ्तार,
एसओजी व पुलिस टीम ने हुक्का बार मे की छापेमारी, लूट की योजना बना रहे 6 लूटेरों को पुलिस ने किया गिरफ्तार,
जयकिशन सैनी
बदायूं। अवैध तरीके से खोले गए हुक्का बार की आड़ में लूट-खसोट समेत तस्करी का खेल चल रहा था। पुलिस ने छापेमारी कर 6 लुटेरों को गिरफ्तार किया है। ये सभी देर रात लूट को निकलने वाले थे। इनके पास से पुलिस ने अवैध असलहा भी बरामद किया हैं। चोरी की बाइक, नकदी समेत लूट का माल भी मिला है। सदर कोतवाली इलाके के नई सराय क्षेत्र में काफी दिनों से हुक्का बार खुल गया था। स्थानीय समेत आस-पास जिलों के अपराधी यहां एकत्र होते और आपराधिक कृत्यों की कार्ययोजना बनाते थे।
मामले की सुगबुगाहट पर एसओजी टीम के साथ प्रभारी निरीक्षक हरपाल सिंह बालियान ने छापामारी की तो वहां से छह शातिर दबोचे गए। तलाशी में इनके पास से 4 तमंचे, कारतूस के अलावा चाकू, व 6 मोबाइल सेट बरामद हुए। इसके अलावा 3 बाइकें व 15 हजार 355 रुपये भी मिले। पुलिस इन शातिरों को कोतवाली ले आई। यहां पूछताछ में आरोपियों ने अपने नाम यश वर्मा निवासी बाबा कालोनी थाना सिविल लाइं, लालू यादव निवासी मोहल्ला ब्राह्मपुर, वरुण देवल निवासी टिकटगंज चौराहा थाना कोतवाली के साथ अयाज निवासी गांव सलारपुर, अब्दुल कादिर निवासी गांव बिलहरी थाना अलापुर और फैज उर्फ राजा निवासी नई सराय थाना कोतवाली बताया। आरोपियों ने पूछताछ में लूट की उन घटनाओं को कबूला जिनमें कई पुलिस के रिकार्ड में दर्ज नहीं की गईं। इनमें सदर कोतवाली, सिविल लाइंस व उझानी इलाके की घटनाएं हैं। वजह है कि लूट पुलिस तब तक दर्ज नहीं करती, जब तक मामला तूल न पकड़ने पाए। आरोपियों द्वारा कबूली गई वारदातें सुनकर अंदरखाने पुलिस भी समझ गई कि लुटेरे सही हैं।
बताया जाता है कि फिलहाल एसओजी में तैनात एक सिपाही की इस हुक्का बार को काफी समय से सरपरस्ती मिली हुई थी। सिपाही पूर्व में आबकारी अधिकारी बनकर शराब के ठेकों से ठगी भी कर चुका था। तत्कालीन एसएसपी संकल्प शर्मा ने उसके खिलाफ जांच भी शुरू कराई थी। जबकि उनके तबादले के बाद सिपाही ने हुक्का बार खुलवा डाला। चर्चा है कि बार के मैनेजमेंट से किसी बात पर विवाद होने पर सिपाही ने अफसरों को हुक्का बार की सूचना मिलने की खबर दी और बाद में खुद रेड पार्टी में शामिल होकर वहां आ धमका।इस हुक्काबार में महज लुटेरों की टोली ही एकत्र नहीं होती थी, बल्कि मादक पदार्थों की तस्करी से लेकर आटोमैटिक असलाहों की तस्करी का भी यही ठिया बना हुआ था। वजह चाहें जो भी हो लेकिन पुलिस इस अवैध हुक्काबार को सील करने में हीलाहवाली कर रही थी। हालांकि चर्चा जगजाहिर होने पर अंतत: पुलिस को यह बार सील करना पड़ा।
प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि जिन घटनाओं का वर्कआउट हुआ है। वह पुलिस के संज्ञान में नहीं थीं। फिलहाल बड़ा गैंग पकड़ा गया है और आरोपियों को जेल भेजने की प्रक्रिया चल रही है।