(ट्रिपल हत्याकांड से दहला उसैहत) पूर्व जिला पंचायत सदस्य, उनकी पत्नी और मां की हमलावरों ने गोली मारकर की हत्या, 3 हत्याएं, 10 गोली,पड़ोस में अंधाधुंध फायरिंग की आवाज भी नहीं पहुंची,पूरे इलाके में फैली सनसनी
बदायूं| उसहैत थाना थाना क्षेत्र के गांव सथरा में कल सोमवार देर शाम सपा नेता एवं पूर्व जिला पंचायत सदस्य 58 वर्षीय राकेश गुप्ता, उनकी 55 वर्षीय पत्नी शारदा, 80 वर्षीय मां शांतिदेवी की उनके ही घर में गोली मारकर हत्या कर दी गई। कुछ लोगों का कहना है कि चार हमलावर दो बाइक से आए थे और उनकी हत्या करके भाग गए जबकि कुछ लोग हत्यारों को देखने से इन्कार कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि वह पीछे से दरवाजे से घर में घुसे। अंदर पहुंचते ही अंधाधुंध फायरिंग कर दी। वारदात के बाद हत्यारोपी बाइक से फरार हो गए।घटनाक्रम उसहैत थाना क्षेत्र के सथरा गांव की है। इस मामले में पुलिस ने गांव के ही रवींद्र दीक्षित समेत उसके दो बेटों सार्थक और अर्चित के अलावा ड्राइवर विक्रम के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस ने इनमें से रवींद्र दीक्षित और सार्थक दीक्षित को गिरफ्तार भी कर लिया है। इनके पास से हत्याकांड में प्रयुक्त असलहे भी बरामद कर लिए हैं। सबसे खास बात इस हत्याकांड में जो सामने आ रही है कि राकेश हमेशा निजी गार्डों की सुरक्षा में रहते थे। जब यह वारदात हुई तो सभी गार्ड घर से चले गए थे। घर का पिछला दरवाजा भी खुला हुआ था। यही नहीं भाई राजेश ने जब बाहर से राकेश को फोन मिलाया तो फोन उठा नहीं। उन्होंने गांव के एक आदमी को देखने भेजा तो इस हत्याकांड का पता चला। अब सवाल उठता है कि जब घर में लगभग 10 गोलियां चलीं। तीन मर्डर हुए और पड़ोस में लगभग 10 फीट तक भी आवाज नहीं पहुंची। इसी एंगल पर पुलिस भी अपनी जांच को आगे बढ़ा रही है।
आपको बता दे, रवींद्र और राकेश के परिवार के बीच तकरीबन 30 साल से राजनीतिक रंजिश चली आ रही है। यही वजह है कि मौका पाते ही रवींद्र दीक्षित ने राकेश को परिवार सहित मार डाला। घटना के बाद से ही गांव में भारी मात्रा में पुलिस तैनात है।
बताया जा रहा है कि पूर्व ब्लॉक प्रमुख राकेश गुप्ता एक कमरे में थे। पत्नी दूसरे कमरे में थी जबकि मां किचन में खाना बना रही थी। जबकि ब्लॉक प्रमुख उनके भाई राजेश गुप्ता किसी काम से घर से बाहर निकले हुए थे। वह अपने साथ निजी गनर भी लेकर गए थे। पुलिस के मुताबिक हमलावर घर में पीछे के दरवाजे से घुसे थे। अंदेशा है कि हमलावरों को मालूम था कि घर का पिछला दरवाजा खुला हुआ है। अब पुलिस का शक घर के किसी करीबी पर जा रहा है जिसने हमलावरों को यह सूचना दी।दरअसल, पुलिस को शक है कि इतनी सुरक्षा के बीच कोई कैसे भूल सकता है कि घर के पीछे का दरवाजा खुला हुआ है। यही वजह है कि पुलिस का शक घर के किसी करीबी पर ही जा रहा है।
30 साल की राजनीतिक रंजिश में हुआ मर्डर:-बताया जा रहा है कि यह ट्रिपल मर्डर राजनीतिक रंजिश में हुई है। लगभग 30 साल पहले राकेश और रवींद्र के परिवार में दुश्मनी की शुरूआत हुई। राकेश के पिता रामकृष्ण गुप्ता पर रवींद्र के पिता रामदेव दीक्षित की हत्या का आरोप लगा था। इसके बाद रवींद्र दीक्षित इनके परिवार से रंजिश रखता था। रवींद्र ने रामकृष्ण को मारा इसके बाद 2008 में राकेश के भाई नरेश का भी मर्डर हुआ। बताया जा रहा है कि इस बार पूरे परिवार को खत्म करने की साजिश रची गई थी।
राकेश के सिर में फंसी मिली बुलेट:-सुबह हुए पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया कि राकेश गुप्ता को एक गोली सिर में मारी गई जोकि पोस्टमार्टम के समय उनके सिर में फंसी मिली। जबकि मां को दो गोलियां पेट में मारी गई है। जोकि आर-पार हो गई है। वहीं पत्नी को तीन गोलियां लगी हैं। उसके भी पेट से गोलियां आर-पार हो गई है। पुलिस के मुताबिक घर में घुसकर हमलावरों ने तकरीबन दस से ज्यादा गोलियां चलाई हैं। जिनमें से छह गोलियां मृतकों को लगी है।
अंधाधुंध फायरिंग हुई, भागने का मौका भी नहीं मिला:-परिजनों के मुताबिक, हमलावरों ने घर में घुसते ही जिसे देखा उस पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दी। मां शांति देवी किचन में थी। उन्हें भागने का भी मौका नहीं मिला। वह गोली लगने से वहीं गिर गई और दम तोड़ दिया। जबकि राकेश की पत्नी शारदा अपने कमरे में थी। वह जब तक चीख पाती तब तक उन्हें भी तीन गोलियां लग गई। इसी तरह राकेश के सीधे सिर में गोली मारी गई। जिससे राकेश ने भी मौके पर ही दम तोड़ दिया।
कई दिनों की प्लानिंग के बाद हुआ है मर्डर:-पुलिस को शक है कि इस ट्रिपल मर्डर के पीछे कई दिनों की प्लानिंग है। हमलावरों को मालूम था कि उनका ऑपरेशन हुआ है। वह लगातार कई दिनों से घर में आराम कर रहे थे। हालांकि, घर में निजी गार्ड और सुरक्षा व्यवस्था वगैरह पुख्ता है लेकिन कब गार्ड हटते हैं। कब सुरक्षा ढीली होती है। इसकी जानकारी हत्यारों को हो गई थी। इसके बाद ही मर्डर प्लान किया गया है।
2007 में बने थे ब्लॉक प्रमुख:-राकेश गुप्ता के परिवार का राजनीति से पुराना नाता था। साल 2007 में बसपा शासनकाल में वह उसावां के ब्लाक प्रमुख थे। जबकि उनकी मां भी ग्राम प्रधान रही थीं। वह खुद सपा शासनकाल में साल 2015 में जिला पंचायत सदस्य चुने गए थे। उनके छोटे भाई राजेश की पत्नी संध्या गुप्ता भी सपा शासन में ब्लॉक प्रमुख रह चुकी हैं।
मृतक राकेश की बेटी है डाक्टर:-मृतक राकेश की एक बेटी है। जिसकी शादी हो चुकी है। उनसे एमबीबीएस किया था। जबकि छोटे भाई राजेश के दो बेटे और एक बेटी है। तीनों पढ़ाई कर रहे हैं। बेटी बड़ी है और इंटरमीडिएट की छात्रा है। दोनों के परिवार बदायूं की आवास विकास कालोनी में रहते थे। दीपावली पर दोनों भाई वहां गए थे। दोनों भाइयों के पास लगभग डेढ़ सौ बीघा जमीन है। इसी पर खेती किसानी करते थे। यही आय का जरिया है।