उद्धव ठाकरे को दी शरद पवार ने इंदिरा गांधी से सीख लेने की सलाह
Sharad Pawar advised Uddhav Thackeray to learn from Indira Gandhi

हाल ही में सोशल मीडिया पर एक बड़ी खबर सामने आ रही है जिसमे आपको बतादें कि पुणे. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने शुक्रवार को कहा कि ‘तीर-कमान’ का चिह्न खोने से उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि जनता उसके नए चिह्न को स्वीकार कर लेगी. पवार की पार्टी ठाकरे वाली शिवसेना की सहयोगी है.
आगे क्या बोले शरद पवार
आपको बताते चले कि पवार ने आगे बोलते हुए याद दिलाया कि इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस ने 1978 में एक नया चिह्न चुना था, लेकिन उससे पार्टी को नुकसान नहीं उठाना पड़ा था.पवार ने एकनाथ शिंदे वाले गुट को वास्तविक शिवसेना के रूप में मान्यता देने और उसे मूल चिह्न ‘तीर-कमान’ आवंटित करने के निर्वाचन आयोग (ईसी) के निर्णय पर यह प्रतिक्रिया दी.
फैसला सुनाने में जल्दी क्यों ?
इतना ही नहीं इस बीच राकांपा के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को वास्तविक शिवसेना के रूप में मान्यता देने संबंधी निर्वाचन आयोग के फैसले को ‘अप्रत्याशित’ करार दिया और पूछा कि निर्वाचन आयोग ने फैसला सुनाने में जल्दबाजी क्यों की. उन्होंने कहा कि शिवसेना के आम कार्यकर्ता उद्धव ठाकरे के साथ खड़े रहेंगे.
निर्वाचन आयोग का फैसला लोकतंत्र के लिए खतरनाक
यहीं दूसरी ओर इस पुरे मामले में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे गुट को वास्तविक शिवसेना मानने संबंधी निर्वाचन आयोग के फैसले को शुक्रवार को ‘लोकतंत्र के लिए खतरनाक’ बताया और कहा कि वह इसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती देंगे. निर्वाचन आयोग के फैसले के कुछ घंटों बाद मुंबई में एक संवाददाता सम्मेलन में ठाकरे ने निर्वाचन आयोग पर आरोप लगाया कि वह केंद्र सरकार का ‘गुलाम’ बन गया है. उन्होंने कहा कि यह कल हमारे ‘मशाल’ के चिह्न को भी छीन सकता है.