उत्तर प्रदेश

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने एसपी देहात को सौंपी पुलिस कर्मियों के विरूद्ध विभागीय जांच, पुलिस कर्मियों पर हो सकती है एफआईआर दर्ज,

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने एसपी देहात को सौंपी पुलिस कर्मियों के विरूद्ध विभागीय जांच, पुलिस कर्मियों पर हो सकती है एफआईआर दर्ज,

अगर विभागीय जांच में रुपयों के लेनदेन की पुष्टि हुई तो पुलिस कर्मियों पर एफआईआर दर्ज की जाएगी और उनके विरूद्ध कार्रवाई भी होगी।

जयकिशन सैनी (समर इंडिया)

बदायूं। बिनावर थाना क्षेत्र के एक युवक को जेल भेजने के मामले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. ओपी सिंह ने विभागीय जांच एसपी देहात सिद्धार्थ वर्मा को सौंपी है। अगर इस मामले में रुपये लेने की पुष्टि हुई तो निलंबित पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की जाएगी। दो माह पूर्व बिनावर थाना क्षेत्र के गांव नवाबगंज गौटिया निवासी जितेंद्र ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से शिकायत की थी कि दरोगा संजय गौड़ और सिपाही सुनील ने 31 अगस्त को उसके भाई रामवीर को थाने बुलाया था। उससे गांव में किसी के नशीले पदार्थों की तस्करी करने के संबंध में जानकारी ली थी। तभी उसे थाने में बैठा लिया था। आरोप है कि दरोगा ने उसे छोड़ने के लिए दो लाख रुपये लिए थे, जबकि दरोगा का कहना था कि रामवीर के पास डेढ़ सौ ग्राम स्मैक बरामद हुई थी। उसकी कीमत करीब नौ लाख रुपये थी। उसी में उसे जेल भेजा गया। रुपयों के लेनदेन की शिकायत पर प्राथमिक जांच में दरोगा संजय गौड़, सिपाही सुनील, विक्रांत और जितेंद्र को निलंबित कर दिया गया। शुक्रवार को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने इसकी विभागीय जांच एसपी देहात सिद्धार्थ वर्मा को सौंप दी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. ओपी सिंह ने बताया कि अगर विभागीय जांच में रुपयों के लेनदेन की पुष्टि हुई तो पुलिस कर्मियों पर एफआईआर दर्ज की जाएगी और उन पर कार्रवाई होगी। – यह शिकायत दो माह पहले आई थी। उसकी जांच कराई गई थी। प्राथमिक जांच में पुलिस कर्मी दोषी पाए गए। इसकी विभागीय जांच कराई जा रही है। उसमें दोषी साबित होने पर और कार्रवाई होगी।- डॉ. ओपी सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक

 

 

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