उत्तर प्रदेश

बदायूँ जनपद में धारा 144 लागू

बदायूँ जनपद में धारा 144 लागू

जिला मजिस्ट्रेट दीपा रंजन ने नगर मजिस्ट्रेट एवं समस्त उप जिला मजिस्ट्रेट को धारा 144 का पालन कराए जाने के निर्देश दिए।

जयकिशन सैनी

बदायूँ। जिला मजिस्ट्रेट दीपा रंजन ने नगर मजिस्ट्रेट एवं समस्त उप जिला मजिस्ट्रेट को आदेश देते हुए अवगत कराया है कि इस वर्ष दिनांक 26 सितम्बर से शारदीय नवरात्र प्रारम्भ हो रहे हैं एवं दिनांक 4 अक्टूबर  को महानवमी पर्व मनाया जाना प्रस्तावित है तथा दिनांक 5 अक्टूबर को विजयदशमी/दशहरा का पर्व मनाया जायेगा। शारदीय नवरात्रि (दुर्गापूजा) एवं विजयदशमी/दशहरा का पर्व हिन्दू समुदाय द्वारा बड़ी श्रद्धा व धूमधाम से मनाये जाते हैं। नवरात्रि षष्ठी तिथि को पण्डालों में दुर्गा प्रतिमाओं की स्थापना की जाती है एवं पूजा अर्चना सम्पन्न होने के उपरांत दशमी के दिन से प्रतिमाओं का विर्सजन प्रारम्भ हो जाता है तथा कुछ स्थानों पर दशहरा के बाद भी विर्सजन पूर्णिमा के दिन तक किया जाता है। दशहरा पर्व के पहले से ही कई स्थानों पर रामलीलाओं का मंचन होता है। नवरात्रि (दुर्गा पूजा) एवं विजय दशमी/दशहरा पर्व एवं रामलीला के मंचन के अवसर पर दिये गये निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए। दुर्गा पूजा पण्डाल व रामलीला मंच के स्थापना की अनुमति प्रदान करते समय इस बात का ध्यान रखा जाये कि सार्वजनिक आवागमन प्रभावित न हो। मूर्तियों की स्थापना पारम्परिक परन्तु खाली स्थान पर की जाए उनका आकार तथा सनव छोटा रखा जाये तथा मैदान की क्षमता से अधिक लोग न रहें। मूर्तियों के विसर्जन में यथासम्भव छोटे वाहनों का प्रयोग किया जाए, मूर्ति विसर्जन कार्यक्रम न्यूनतम व्यक्ति ही शामिल हों। नवरात्रि (दुर्गा पूजा) एवं विजयदशमी/दशहरा व रामलीला के शांतिपूर्ण सम्पादन हेतु संवेदनशील स्थलों पर समुचित सुरक्षा व्यवस्था तथा विशेष सर्तकता आवश्यक होगी, ऐसे स्थलों जहां पर अधिक संख्या में लोग एकत्र होते हैं , वहां पर भी विशेष सर्तकता तथा ऐसे स्थानों पर संभावित घटनाओं का पूर्वानुमान लगाया जाना व किसी घटना के घटित होने पर तत्परता से प्रभावी कार्यवाही करना भी अपेक्षित है। दशहरा पर्व के पहले से ही कई स्थानों पर रामलीलाओं का मंचन प्रारम्भ हो जाता है जो दशहरा के बाद तक चलता रहता है। रामलीलाओं के दौरान विभिन्न तिथियों में शोभा यात्राएं बड़ी श्रद्धा व धूम-धाम से निकाली जाती है। दशहरा के दिन काफी स्थानों पर दशहरा मेले का आयोजन किया जाता है। इन अवसरों पर भी विशेष सर्तकता एवं पुलिस प्रशासनिक प्रबन्ध अपेक्षित है। त्यौहारों पर सार्वजनिक स्थल तथा बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन और संवेदनशील स्थान/धार्मिक स्थल पर यथावश्यक व्यवस्थायें/चैकिंग कराई जाए। सघन जांच एवं तलाशी की व्यवस्था के लिए रवान-दल, निरोधक दस्ता एंव बम निरोधक दल को तैनाती सुनिश्चित की जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि यातायात कदापित बाधित न हो एवं बैरियर एवं पुलिस चेक पोस्ट लगाकर संदिग्ध वाहनों की चैकिंग कराई जाए। 10 मोटर वाहन अधिनियम के नियमों का पालन सख्ती से किया जाए। जन सुविधाएं तथा बिजली, पेयजल एवं साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए। आकस्मिकता के दृष्टिगत सभी सरकारी अस्पतालों को तैयारी हालत में रखा जाए एवं डाक्टर तथा पैरा-मेडीकल स्टॉफ की ड्यूटी राउण्ड द क्लॉक लगाया जाए। आसामाजिक तत्वों एवं अफवाह फैलाने वालों पर विशेष ध्यान दिया जाए। सोशल मीडिया की राउण्ड द क्लॉक मॉर्निटरिंग की जाए एवं कोई भी आपत्तिजनक पोस्ट संज्ञान में आते हो तत्काल ब्लाक करते हुए प्रभावी कार्यवाही की जाए। धारा 144 सीआरपीसी का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। सार्वजनिक स्थानों पर किसी भी दशा में शस्त्रों का प्रदर्शन न हो एवं अवैध शस्त्रों को लेकर चलने बालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाए।

जिन-जिन स्थानों पर किसी प्रकार का विवाद परिलक्षित हुआ जो वहां पुलिस एवं राजस्व विभाग के राजपत्रित अधिकारियों द्वारा स्थिति का अध्ययन कर लिया जाए एवं विवाद को सुलझाने तथा संवेदनशीलता को दूर करने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। थाने पर उपलब्ध त्यौहार रजिस्टर तथा रजिस्टर नं0-8 में उपलब्ध प्रविष्टियों का अध्ययन कर लिया जाए तथा नई परम्परा की अनुमति कदापि न दी जाय। असामाजिक/साम्प्रदायिक तत्वों की सूचियों अद्यावधिक किया जाए और तदनुसार आवश्यकता पड़ने पर इन साम्प्रदायिक एवं अवांछनीय तथ्वों के विरूद्ध कड़ी निरोधात्मक कार्यवाही की जाय।  अधीनस्थ कर्मचारियों को स्पष्ट निर्देश दिये जायं कि वे अपने बीट में जाकर सभी प्रकार के विवाद आदि की जाँच कर लें एवं बीट सूचना प्राप्त होते ही वरिष्ठ अधिकारी मौके पर जाकर विवाद को समय रहते हल कर लें। थानाध्यक्षों/ क्षेत्राधिकारी पुलिस को यह स्पष्ट निर्देश दिये जायें कि वह प्रत्येक छोटी से छोटी घटना को गम्भीरता से लेकर तत्काल घटनास्थल का निरीक्षण करें एवं विवाद को हल करने तथा साम्प्रदायिक सौहार्द को बनाये रखने हेतु कड़े एवं प्रभावी उपाय सुनिश्चित करें। शहरों , कस्बों तथा मोहल्लों में पूर्व में गठित शान्ति समितियों की बैठक आयोजित कर सम्भ्रान्त नागरिकों, शान्ति समितियों के सदस्यों का सक्रिय सहयोग प्राप्त कर लिया जाए। स्थानीय अभिसूचना इकाई के अधिकारियों/कर्मचारियों को सतर्क कर दिया जाय। विभिन्न असामाजिक अवॉछनीय एवं साम्प्रदायिक तत्वों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जाए एवं विभिन्न अभिसूचना इकाईयों के माध्यम से प्राप्त होने बाली लाभप्रद सूचनाओं के आधार पर समय रहते प्रभावी निरोधात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जाय। संवेदनशील क्षेत्रों व अन्य स्थानों पर भी मोबाइल पेट्रोलिंग करायी जाये , जिससे कोई अप्रिय घटना घटित न होने पाये। “सीसीटीवी कैमरा के व्यवस्थापन हेतु संवेदनशील स्थानों/ चौराहों का चयन कर लिया जाये तथा साम्प्रदायिक रूप से संवेदनशील स्थलों को चिन्हित कर उन स्थानों पर रिजर्व पुलिस बल रखा जाना आवश्यक है। यथावश्यक ड्रोन कैमरे से निगरानी रखी जाये। समस्त मजिस्ट्रेट पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों तथा अभिसूचना कर्मियों की ब्रीफिंग कर उपरोक्त दिशा निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाय। उपरोक्त पर्व पर समस्त प्रशासनिक अधिकारीगण एंव पुलिस अधिकारीगण यह सुनिश्चित करें कि इस अवसर पर सामाजिक/साम्प्रदायिक सौहार्द बना रहे एवं सुरक्षा व्यवस्था इस तरह उक्त अवसरों पर कानून एवं शान्ति बनाये रखने हेतु तहसील क्षेत्रों में सम्बन्धित उप जिला मजिस्ट्रेट तथा नगर क्षेत्र में नगर मजिस्ट्रेट तथा सम्बन्धित पुलिस क्षेत्राधिकारी उत्तरदायी होंगे।

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