तुर्की में भूकंप से प्रभावित लोगों की मलबे में तलाश जारी
Search continues in the rubble of earthquake victims in Turkey

हाल ही में कुछ दिन पहले तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप के मलबे में दबे लोगों तक पहुंचने में बचावकर्मी लगे हैं। हादसे के 204 घंटे बाद मंगलवार को मलबे से कुल 5 लोगों को जिंदा बाहर निकाला गया। 6 फरवरी को 9 घंटे के अंतराल पर आए 7.8 और 7.5 तीव्रता के भूकंप से मरने वालों की संख्या 35,000 से अधिक हो गई है।
शव मिलने के कारण इस संख्या का बढ़ना तय
वहीँ दूसरी ओर आपको बतादें कि खोजी दलों को और शव मिलने के कारण इस संख्या का बढ़ना तय है। आदियामन प्रांत में बचावकर्मी 18 वर्षीय मोहम्मद कैफर सेटिन नामक व्यक्ति तक पहुंचे। इमारत से खतरनाक निकासी का प्रयास करने से पहले डॉक्टरों ने उसे तरल पदार्थ दिया। डॉक्टर्स की टीम ने गर्दन में ब्रेस लगाने के लिए उसे घेर लिया और उसे ऑक्सीजन मास्क के साथ स्ट्रेचर पर लिटाया गया।
तलाश जारी
आपको बताते चले कि भूकंप के लगभग 198 घंटे बाद मंगलवार को केंद्रीय कहमनमारस में नष्ट हुई एक इमारत से 2 अन्य लोगों को बचाया गया। प्रसारण नेटवर्क हैबर्टर्क ने कहा कि इनमें से एक 17 वर्षीय मुहम्मद एन्स था, जिसे एक थर्मल कंबल में लपेटा गया और एक स्ट्रेचर के जरिए एम्बुलेंस में ले जाया गया। दर्जनों बचावकर्मी स्थल पर काम कर रहे थे और इन दोनों लोगों के बचाव के बाद तुर्की के सैनिकों ने उन्हें गले लगाया और तालियां बजाईं।
चिंता में है परिवार
जी हाँ आपको बतादें कि भूकंप से बुरी तरह प्रभावित हुए हताय में सेंगुल अबालियोग्लू ने अपनी बहन और चार भतीजों को खो दिया। उसने एसोसिएटेड प्रेस से कहा, ‘इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मृत या जीवित है। हम सिर्फ अपनी लाश चाहते हैं ताकि कम से कम एक कब्र हो और हम उन्हें दफन कर दें।’ वह मलबे के पास इंतजार कर रही थी जहां उसका परिवार हो सकता था।
सीरिया के एक बड़े क्षेत्र में तबाही
संयुक्त राष्ट्र ने घोषणा की कि सीरिया में, राष्ट्रपति बशर असद लाखों भूकंप पीड़ितों को बेहद जरूरी सहायता और उपकरण उपलब्ध कराने के लिए विद्रोहियों के कब्जे वाले उत्तर पश्चिम में तुर्की से 2 नए पारगमन बिंदु खोलने पर सहमत हुए हैं। भूकंप ने तुर्की के 10 प्रांतों को और उत्तर पश्चिमी सीरिया के एक बड़े क्षेत्र में तबाही मचाई है। इससे बचे लोगों को बर्बाद हुए शहरों के बीच भी मुश्किल परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है, जहां अनेक लोग ठंड के मौसम में बाहर सोने को मजबूर हैं। क्षेत्र की अधिकांश जल प्रणाली काम नहीं कर रही है।