आपराधउत्तर प्रदेश

गोशाला व प्रधानमंत्री आवास घोटालों में फंसी प्रधान के अधिकार होंगे सीज

गोशाला व प्रधानमंत्री आवास घोटालों में फंसी प्रधान के अधिकार होंगे सीज- रोजगार सेवक भी आ सकता है कार्यवाई की चपेट में,

बदायूं। गोशाला घोटाला और अपात्रों को प्रधानमंत्री आवास देने के मामले में गलौथी की ग्राम प्रधान रामश्री ने स्पष्टीकरण का जवाब नहीं दिया है। इससे प्रधान के अधिकारी सीज करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। मामले की फाइल सीडीओ कार्यालय से डीएम कार्यालय भेजी गई है। जल्द ही इस मामले में कार्रवाई हो सकती है।

 

दातागंज ब्लॉक क्षेत्र की ग्राम पंचायत गलौथी में घोटाले की जांच डीडीओ स्वेतांग पांडेय कर रहे थे। जांच में प्रधान रामश्री और पंचायत सचिव राजनारायण सिंह की मिलीभगत पाई गई। दोनों एक-दूसरे के सहयोग से घोटाला कर रहे थे। इस पर शुक्रवार को पंचायत सचिव को निलंबित कर दिया गया लेकिन प्रधान के खिलाफ अभी कार्रवाई नहीं हुई है। इस मामले में प्रधान से एक सप्ताह में स्पष्टीकरण मांगा गया था लेकिन समय सीमा बीतने के बाद भी उन्होंने अपना जवाब नहीं दिया। इस पर प्रधान के अधिकार सीज करने की कार्रवाई की जा रही है। एक-दो दिन में उनके खिलाफ कार्रवाई होने की संभावना है।

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सूची में अपात्रों की बढ़ सकती है संख्या:- गलौथी में 58 लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया गया था। जब इसकी जांच की गई तो 18 अपात्र लोगों के नाम सामने आए। डीडीओ स्वेतांग पांडेय ने बताया कि अभी सभी नामों की जांच नहीं हुई है। इसमें और भी अपात्रों के नाम सामने आ सकते हैं। कुल कितने अपात्रों को आवास दिया गया। इसका पता जांच पूरी होने के बाद ही चलेगा।

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रोजगार सेवक भी आ सकता है चपेट में:- अपात्रों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ देने के मामले में रोजगार सेवक भी चपेट में आ सकता है। ग्राम पंचायत के तमाम कार्य रोजगार सेवक देखता है। आवासों की सूची बनाने में रोजगार सेवक का भी सहयोग रहता है। इससे उसके खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है।

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गलौथी के दो मामले सामने आए हैं। एक मामले की जांच हो गई है। दूसरे मामले की जांच चल रही है। सचिव को निलंबित किया जा चुका है। प्रधान के अधिकार सीज करने की कार्रवाई चल रही है। – श्रेया मिश्रा, डीपीआरओ

Kunwar Danish Ali

मामले में शुरुआत में 18 नाम अपात्र निकले। अभी अपात्रों के नाम बढ़ सकते हैं। कुल कितने अपात्र हैं जांच पूरी होने के बाद ही पता चलेगा। इसमें 18 अपात्रों को आवास देने के मामले में प्रधान और सचिव दोनों से स्पष्टीकरण मांगा गया था। प्रधान का जवाब नहीं आया। उसके अधिकार सीज करने की फाइल उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है।- स्वेतांग पांडेय, डीडीओ

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