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रांची हिंसा: पुलिस जांच में कंफर्म… उपद्रव में उत्तर प्रदेश का कनेक्शन; दबोचे जाएंगे गाजीपुर के तीन आरोपित

Ranchi Violence Latest News रांची के मेन रोड में 10 जून को जुमे की नमाज के बाद उपद्रव पत्थरबाजी व गोलीबारी मामले में चल रही रांची पुलिस की अनुसंधान व राज्य सरकार की दो सदस्यीय उच्च स्तरीय जांच में उत्तर प्रदेश का कनेक्शन सामने आ चुका है।

रांची,। Ranchi Violence Latest News रांची के मेन रोड में 10 जून को जुमे की नमाज के बाद उपद्रव, पत्थरबाजी व गोलीबारी मामले में चल रही रांची पुलिस की अनुसंधान व राज्य सरकार की दो सदस्यीय उच्च स्तरीय जांच में भी उत्तर प्रदेश का कनेक्शन सामने आ चुका है। दैनिक जागरण ने घटना के दिन ही सबसे पहले इस बात का खुलासा कर दिया था कि पूरी घटना के पीछे उत्तर प्रदेश से आए कुछ लोगों की भूमिका है। 11 जून के अंक में जागरण ने उक्त खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। अब पुलिस की जांच में भी इसपर मुहर लग गई है। पुलिस को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से आए तीन लोगों के बारे में भी जानकारी मिल गई है, जिन्होंने भीड़ को उकसाया और घटना को अंजाम देने की साजिश रची। तीनों ही संदिग्धों का नाम व पता पुलिस को मिल गया है, जिनकी जल्द गिरफ्तारी होगी। ये संदिग्ध कहां-कहां ठहरे, कैसे लोगों को उपद्रव के लिए तैयार किया, नाबालिगों को कैसे भीड़ में सामने खड़ा करवाया, सबकुछ पुलिस को पता चल गया है।

उपद्रव में बिहार का भी कनेक्शन

इसके अलावा पुलिस को जांच में बिहार का कनेक्शन भी मिला है। बिहार की राजधानी पटना से आए तीन लोगों के बारे में भी पुलिस ने पर्याप्त सूचना जुटा ली है। ये तीनों रांची के चुटिया थाना क्षेत्र के एक लाज में ठहरे थे। घटना के बाद ये भी रांची से भागने में सफल रहे। इनके अलावा खूंटी के 30-40 लोगों के बारे में भी पुलिस को जानकारी मिली है, जो घटना में शामिल रहे और पूरे मामले को अंजाम देने के बाद घटना की रात ही हिंदपीढ़ी के खेत मुहल्ले के रास्ते हरमू बाईपास होते हुए व पुंदाग के इलाही नगर से होकर मोटरसाइकिल से खूंटी की ओर भागे। इन सभी की गिरफ्तारी होनी है।

सुनियोजित था बवाल, बोरे में भरकर लाए गए थे पत्थर

पुलिस अनुसंधान में इस बात की भी पुष्टि हो चुकी है कि मेन रोड पर 10 जून को जुमे की नमाज के बाद बवाल सुनियोजित था। घटना के कुछ दिन पहले से इसकी तैयारी चल रही थी। उपद्रव के मार्ग में कई छतों पर सुनियोजित तरीके से ईंट-पत्थर जुटाकर रखे गए थे। बवाल, पत्थरबाजी व फायरिंग के वक्त उपद्रवी बोरे में भरकर पत्थर ले गए थे, जिसकी पुष्टि हो चुकी है।

ड्रोन से छतों की निगरानी में भी मिले पत्थर के सबूत

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि पुलिस की छानबीन में इस बात के सबूत भी मिल चुके हैं कि अब भी कई घरों के छतों पर पत्थर जुटाकर रखे गए हैं। पुलिस के ड्रोन से उनकी तस्वीर भी साफ-साफ मिल चुकी है। ये घर के बिल्डिंग मेटेरियल नहीं, बल्कि बवाल के लिए विशेषकर जुटाए गए पत्थर हैं, जिसके सबूत मिले हैं।

उच्च स्तरीय समिति की जारी है जांच

झारखंड सरकार के आदेश पर आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव डा. अमिताभ कौशल व एडीजी अभियान संजय आनंदराव लाठकर की दो सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति भी पूरे मामले की जांच कर रही है। अब तक इस केस से जुड़े सभी पक्षों के लोग, घायल पुलिस अधिकारियों-जवानों का भी बयान लिया गया है। एक महीने के भीतर इस समिति को पूरी रिपोर्ट देनी है।

रांची जिले में घटना से संबंधित दर्ज हैं 48 केस, मुख्य कांड की जांच सीआइडी के हवाले

रांची उपद्रव केस से जुड़े कुल 48 मामले दर्ज हुए हैं। इनमें डेलीमार्केट थाने में दर्ज मुख्य कांड के अनुसंधान की जिम्मेदारी पुलिस मुख्यालय ने सीआइडी को सौंपा है। सीआइडी के डीएसपी महेंद्र सिंह मुंडा को उक्त कांड का अनुसंधान पदाधिकारी बनाया गया है।

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