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Rahul Gandhi : राहुल गांधी को मानहानि केस मामले में मिली जमानत

Rahul Gandhi: Rahul Gandhi got bail in defamation case

हाल ही में सोशल मीडिया पर एक बड़ी खबर सामने आ रही है जिसमे आपको बतादें कि कांग्रेस नेता Rahul Gandhi  को मानहानि मामले में बड़ी राहत मिली है. उन्हें सूरत की कोर्ट ने जमानत दे दी है. राहुल ने मानहानि मामले में दोषी ठहराए गए फैसले को चुनौती दी थी. हालांकि, अदालत ने उनकी सजा पर रोक नहीं लगाई है, सिर्फ 13 अप्रैल तक जमानत दी है. दरअसल, मोदी सरनेम पर विवादित टिप्पणी करने पर राहुल के खिलाफ मानहानि का केस दायर हुआ था.

वहीँ दूसरी ओर इस मामले में 24 मार्च को सूरत की अदालत ने राहुल को दोषी करार देते हुए दो साल की सजा सुनाई थी. इसी फैसले को राहुल ने चुनौती दी थी.राहुल गांधी को सजा पर किसी तरह की अंतरिम रोक नहीं लगाई गई है. इसका मतलब है कि सांसद के तौर पर उन्हें अयोग्य ठहराने के मामले में उन्हें किसी तरह की राहत नहीं मिली है. राहुल गांधी की पैरवी करने वाली टीम ने उनकी सजा पर रोक लगवाने पर जोर दिया लेकिन अदालत ने कहा कि सभी पक्षों को सुने बिना वे अंतरिम रोक नहीं लगा सकते.

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आखिर क्या है कांग्रेस राहुल की स्ट्रैटेजी?

Rahul Gandhi   को सूरत कोर्ट ने सजा 24 मार्च को सुनाई थी. इस सजा के खिलाफ अपील करने में राहुल ने ठीक-ठाक समय लिया. कांग्रेस ने इस सजा के खिलाफ अपील करने में कोई जल्दबाजी नहीं की. इस मामले में राहुल कांग्रेस की रणनीति क्या है.

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मुकदमे के फैसले को कांग्रेस भी एक मौके की तरह देख रही

आपको बताते चले कि राहुल गांधी ने सजा मिलने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि वे सच बोलना जारी रखेंगे. चाहें उन्हें संसद से बाहर ही क्यों न कर दिया जाए. दरअसल इस मुकदमे के फैसले को कांग्रेस भी एक मौके की तरह देख रही है. राहुल की लोकसभा सदस्यता खत्म करने का सभी विपक्षी पार्टियों ने एक सुर से विरोध किया और इसे सरकार की तानाशाही करार दिया. शरद पवार, ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, केसीआर, नीतीश कुमार, स्टालिन, पी विजयन जैसे दिग्गज नेताओं ने राहुल की लोकसभा सदस्यता खत्म करने पर नरेंद्र मोदी सरकार की तीखी भर्त्सना की.

2024 चुनाव से पहले कानूनी बाधाओं को खत्म करने की तैयारी

वहीँ दूसरी ओर कांग्रेस एक और इस मुद्दे के राजनीतिक पहलू पर काम कर रही है तो अदालत के फैसले के बाद पैदा हुए कानूनी बाधाओं को भी दूर करने की कोशिश कर रही है ताकि राहुल 2024 का चुनाव बिना किसी कानूनी बाधा के लड़ सके. कांग्रेस भी जानती है कि अगर इस फैसले पर अमल हुआ तो राहुल 8 साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे, इस परिस्थिति में वे पब्लिक मेमोरी में नहीं रह पाएंगे. इसलिए इस केस की तमाम कानूनी पेचिदगियों का अध्ययन कर कांग्रेस ये सुनिश्चित कराने में जुटी है कि राहुल गांधी 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ पाएं.

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