Bulandshahar news:गरीबी तो नही शिक्षा की दुश्मन! स्कूल चलो अभियान को ठेंगा।
गरीबी तो नही शिक्षा की दुश्मन! स्कूल चलो अभियान को ठेंगा।
गरीबी तो नही शिक्षा की दुश्मन!
स्कूल चलो अभियान को ठेंगा।
समर इंडिया।धर्मवीर निगम।
ऊंचागांव।संवाददाता।
बुलंदशहर।
ऊंचागांव।क्षेत्र के गांव फरीदा बांगर के गंगा खादर में मजदूरी करने पहुंचे दर्जनों परिवारों के बच्चे कलम किताब छोड बींड पूले कबाड में व्यस्त नजर आ रहे हैं। पिछले एक महीने से वन विभाग की भूमि पर साफ सफाई का ठेका कार्य जारी है। बच्चे जिन्हे भगवान से लेकर देश के भविष्य की संज्ञा तक दी जाती है। सरकार भी बच्चे के अधिकारों को लेकर प्रचार प्रसार करती है।
लेकिन यहां मामला उल्टा ही नज़र आ रहा है। बच्चों से एक किमी दूर फरीदा गांव में विद्यालय और अध्यापक भी है, लेकिन फरीदा के जंगल में पहुंचे इन दर्जनों बच्चों के परिवार उन्हे शिक्षा की जगह मजदूरी में व्यस्त रखते है। अब स्थानीय प्रशासन या सबंधित विभाग इन नौनिहालों की क्या सुध लेता है देखने वाली बात होगी।
जनपद अमरोहा के पिछड़े ब्लाकों के नाम से जाने जाना वाले गंगेश्वरी ब्लाक के दलित बस्ती के एक गांव पौरारा ने शिक्षा के क्षेत्र में मिसाल कायम भले ही की हो। जिसकी कुल आबादी करीब 1200 और करीब 550 मतदाता हैं। गांव में करीब 70% से अधिक लोग साक्षर बताये गये हैं।
जिनमें करीब 30 लोग अलग-अलग विभागों में सरकारी पद पर कार्यरत हैं तथा करीब 2 दर्जन से अधिक लोग बी.एड, एम.ड.,बीटीसी, तथा नेट की परीक्षा उत्तीर्ण कर अलग-अलग जगहों पर प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। लेकिन फिर भी जनपद अमरोहा के गांव पौरारा के बच्चे गरीबी में लिप्त परिवार के साथ बीड़ पुले आदि की मजदूरी में हाथ बटाते नज़र आ रहे हैं। जिससे साफ हो रहा है कि गरीब के कारण शिक्षा को छोड़ बच्चे भी अपने परिवार के साथ मजदूरी करने में लगे हुए हैं।