दस लीटर दूध से 100 लीटर सिंथेटिक दूध तैयार करने बाले मुनाफाखोर को पुलिस ने भेजा जेल, कई और नमूने भी हुए जांच मे फेल, कार्यवाई तय
दस लीटर दूध से 100 लीटर सिंथेटिक दूध तैयार करने बाले मुनाफाखोर को पुलिस ने भेजा जेल, कई और नमूने भी हुए जांच मे फेल, कार्यवाई तय
अप्रैल से सितंबर तक 75 नमूने भेजे गए। इनमें भी 25 नमूने ही जांच में खरे उतरे। शेष 50 नमूने जांच में फेल हो गए।
जयकिशन सैनी (समर इंडिया)
बदायूं। त्योहारी सीजन शुरू होते ही मुनाफाखोर सक्रिय हो गए हैं। मिलावट का धंधा भी बढ़ गया है। रविवार को ही मूसाझाग के गांव हसनपुर में सिंथेटिक दूध बनाने की फैक्टरी पकड़ी गई। सबसे ज्यादा मिलावट दूध में ही हो रही है। अप्रैल से सितंबर तक छह माह में एफएसडीए की कार्रवाई की बात करें तो टीमों ने खाद्य पदार्थों के 208 नमूने भरे। इनमें 168 नमूने जांच में फेल हो गए। दूध के 75 नमूनों में से 50 नमूने फेल हुए हैं। हसनपुर में सिंथेटिक दूध की फैक्टरी पकड़े जाने से मिलावट के धंधा उजागर हुआ है। यह मिलावटी दूध पूरे जिले में सप्लाई हो रहा है। एफएसडीए की टीमों ने अप्रैल से सितंबर तक जो 208 नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे उनकी चौंकाने वाली रिपोर्ट आई। इनमें से 40 नमूने ही मानकों पर खरे उतरे हैं, जबकि 95 अधोमानक, 41 मिथ्याछाप और 32 नमूने असुरक्षित पाए गए। इनमें सरसों का तेल, बेसन, मैदा, आटा, रिफाइंड आदि शामिल हैं। दूध के नमूनों की बात करें तो अप्रैल से सितंबर तक 75 नमूने भेजे गए। इनमें भी 25 नमूने ही जांच में खरे उतरे। शेष 50 नमूने जांच में फेल हो गए।
दस लीटर दूध से तैयार होता था 100 लीटर सिंथेटिक दूध, रोजाना 700 लीटर की खपत
वैसे तो सबसे ज्यादा मिलावट दूध में होती है। लेकिन त्योहार के आसपास यह और बढ़ जाती है। ऐसे में मुनाफाखोर सिंथेटिक और मिलावटी दूध बनाकर खूब मुनाफा कमाते हैं। रविवार को एफएसडीए की टीम ने गांव हसनपुर में मिलावटी और सिंथेटिक दूध की फैक्टरी पकड़ी थी। सोमवार को आरोपी मंगू को पुलिस ने जेल भेज दिया है।