बदायूँ में अब घरों पर भी लगेगी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट, ऑनलाइन होगी पहचान-हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगने से डाटा रहेगा ऑनलाइन,
गूगल मैप पर नंबर डालते ही पता चल जाएगा मकान -
बदायूँ में अब घरों पर भी लगेगी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट, ऑनलाइन होगी पहचान-हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगने से डाटा रहेगा ऑनलाइन, गूगल मैप पर नंबर डालते ही पता चल जाएगा मकान –
बदायूं। अब घरों की पहचान ऑनलाइन की जाएगी। जल्द ही सभी घरों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगेगी, जिसका डाटा ऑनलाइन रहेगा। शहरवासियों का रिकॉर्ड ऑनलाइन रहेगा तो नगर पालिका प्रशासन भी आसानी से टैक्स वसूली कर सकेगा। हर महीने वसूली किए जाने से गृहस्वामियों पर भी ज्यादा भार नहीं पड़ेगा।
पालिका के रिकार्ड के अनुसार शहर में साढ़े 27 हजार मकान हैं। इसके अलावा तमाम बस्ती, मोहल्ला और कॉलोनियों में ऐसे मकान हैं, जिनका रिकॉर्ड नगर पालिका के पास नहीं है। इन मकानों की पहचान सिर्फ गृहस्वामी के नाम से ही होती है। ऐसे में पत्राचार के साथ ही टैक्स वसूली में दिक्कत होती है। अगर जरूरत से ज्यादा पानी की बर्बादी होती है तो सभी से टैक्स न मिलने पर चंद लोगों पर ही इसका भार डाल दिया जाता है। टैक्स चोरी करने वाले आसानी से बच जाते हैं। अब नगर पालिका प्रशासन ने सभी के मकानों का रिकॉर्ड ऑनलाइन किए जाने की तैयारी की है। इसके लिए नगर पालिका प्रशासन ने शहर के सभी मकानों को चिह्नित कर लिया है।
मार्च से शुरू होगा नंबर प्लेट लगाने का अभियान:- शहर में अब तक चिह्नित किए गए मकानों में नंबर प्लेट लगाने की तैयारी पूरी हो चुकी है। इसके लिए बड़ी संख्या में प्लेट तैयार कराई जा रही हैं। मार्च से यह अभियान शहर में शुरू कर दिया जाएगा। अप्रैल के अंत तक नंबर प्लेट लगाने का कार्य पूरा किया जाएगा। इसके लिए कर्मचारियों की टीम भी तैयार कर ली गई है।
गूगल मैप पर नंबर डालते ही पता चल जाएगा मकान:- नगर पालिका प्रशासन की ओर से जो नंबर प्लेट लगाई जाएंगी, उसमें एक चिप लगी होगी, जिसमें मकान मालिक का सारा डाटा फीड होगा। इसमें घरों के सदस्यों की संख्या भी शामिल रहेगी। इससे किसी को भी मकान का पता तलाशने में परेशानी नहीं होगी। गूगल मैप पर मकान नंबर डालते ही उसकी लोकेशन पता चल जाएगी।
नगर पालिका परिषद के ईओ डॉ. दीप कुमार ने बताया कि शहर में मकान नंबर का कोई डाटा न होने की वजह से गृह और जलकर वसूलने में दिक्कतें होती हैं। इसके अलावा मकान स्वामी के घर की पहचान रिकॉर्ड में नहीं होती थी। शहर में अब तक 27.5 हजार घरों को चिह्नित कर लिया है। इन मकानों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाई जाएंगी। इससे सभी के मकान का डाटा ऑनलाइन हो जाएगा।