(लापरवाही) पशुपालन विभाग द्धारा सहसवान तहसील क्षेत्र को भेजी गई मोबाइल वेटनरी यूनिट बेन स्टाफ के अभाव में धूल फांक रही है।

(लापरवाही) पशुपालन विभाग द्धारा सहसवान तहसील क्षेत्र को भेजी गई मोबाइल वेटनरी यूनिट बेन स्टाफ के अभाव में धूल फांक रही है।
रिपोर्ट – एस.पी सैनी
सहसवान। उत्तर प्रदेश सरकार तथा केंद्र सरकार के संयुक्त प्रयासों से सहसवान तहसील के लिए दूर-दराज के क्षेत्रों में पशुओं के उपचार के वास्ते मोबाइल वेटरनरी यूनिट बैन लगभग 1 वर्ष से पशु चिकित्सालय में स्टाफ न होने के कारण धूल फांक रही हैI
ज्ञात रहे केंद्र सरकार तथा उत्तर प्रदेश सरकार के संयुक्त प्रयासों से दूरदराज ग्रामीण अंचल में बीमार पशु के उपचार करने में आ रही दिक्कतों के चलते दूर-दराज के पशुओं को उपचार के वास्ते प्रदेश भर में मोबाइल वेटनरी यूनिट बैन प्रत्येक तहसील मुख्यालय के पशु चिकित्सालय पर उपलब्ध कराई गई हैं जिनका उद्देश्य ग्रामीण अंचल में टोल फ्री नंबर 1962 पर आई कॉल के उपरांत दूरदराज के ग्रामीण अंचलों में पहुंचकर बीमार पशु स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराना हैI
उत्तर प्रदेश सरकार द्धारा सहसवान तहसील के पशु चिकित्सालय सहसवान में लगभग 1 वर्ष पूर्व मोबाइल वेटनरी यूनिट बैन उपलब्ध कराई गई थी परंतु यूनिट बैन पर स्टाफ उपलब्ध नहीं कराया क्या जिसके कारण पशु चिकित्सालय सहसवान में खड़ी मोबाइल वेटनरी यूनिट वैन धूल फांक रही हैI
उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ एनएन शुक्ला से मोबाइल वेटनरी यूनिट बैन के लगभग 1 वर्ष से खड़े होने के बाबत जब जानकारी हासिल की तथा उन्हें बताया क्षेत्र के पशुपालकों द्धारा 1962 टोल फ्री नंबर पर कॉल करने के उपरांत मोबाइल वेटरनरी यूनिट बैन पशुओं का उपचार करने नहीं जा रही जिससे पशुओं का समय से उपचार न हो पाने के कारण वह मौत के मुंह में समा रहे हैं अगर उपरोक्त पशुओं को समय से उपचार मिल जाए तो पशुओं को मौत के मुंह में जाने से बचाया जा सकता है।
उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने बताया विभाग द्धारा उपरोक्त मोबाइल वेटरनरी यूनिट बैन लगभग 1 वर्ष पूर्व पशु चिकित्सालय पर भेज दी गई है। परंतु स्टाफ की तैनाती न होने के कारण बैन खड़ी रहती है। अगर विभाग यूनिट बैन पर स्टाफ उपलब्ध करा दें तो पशुपालकों को टोल फ्री नंबर 1962 पर पशुओं की बीमार होने की दी गई जानकारी के बाद मोबाइल वेटरनरी यूनिट बेन का स्टाफ पहुंचकर पशुओं का समय से उपचार कर सकता है उन्होंने बताया की आपातकालीन सेवा में वह अपने ही स्टाफ से दूर-दराज के ग्रामीण अंचलों में पहुंचकर बीमार पशुओं का उपचार करने जाते हैंI
इधर पशुपालक नरेंद्र जितेंद्र शिव बहादुर चंद्रपाल मोर सिंह इस्लाम विमल निखिल जगदीश वसुंधरा चंदा नसीम सहित दर्जनों ग्रामीणों ने उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री को पत्र प्रेषित करते हुए पशु चिकित्सालय सहसवान में उपलब्ध कराई गई मोबाइल वेटरनरी यूनिट बैन पर तत्काल स्टाफ उपलब्ध कराए जाने की मांग की है। जिससे पशुपालन और डेयरी विभाग के टोल फ्री नंबर 1962 पर कॉल करने पर पशुओं को समय से चिकित्सा उपलब्ध हो सकेI