उत्तर प्रदेश

बदायूं प्रशासनिक अधिकारियों की हर लापरवाही के जिम्मेदार बन रहे बंदर, एक्सप्रेस-वे, शेल्टर होम व वन स्टॉप सेंटर जैसी घटनाओं में बंदरों पर फोड़ा ठीकरा

बदायूं प्रशासनिक अधिकारियों की हर लापरवाही के जिम्मेदार बन रहे बंदर, एक्सप्रेस-वे, शेल्टर होम व वन स्टॉप सेंटर जैसी घटनाओं में बंदरों पर फोड़ा ठीकरा

जयकिशन सैनी (समर इंडिया)

बदायूं। प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही पर पर्दा डालने के लिए इन दिनों बंदर ढाल का काम कर रहे हैं। घटना भले ही कितनी भी गंभीर हो लेकिन उसमें लापरवाह खुद को बचाने के लिए बंदरों को आगे कर देते हैं। ऐसे एक नहीं बल्कि 3 मामले सामने आए हैं, जिन्हें हर आम से लेकर खास शख्स लापरवाही करार दे रहा है, लेकिन जिम्मेदारों का कहना है कि बंदरों ने अव्यवस्था फैलाई है। जब भी कोई ऐसा घटनाक्रम होता है जिसकी जवाबदेही के नाम पर प्रशासनिक अधिकारियों के पास कोई उत्तर नहीं होता तो वहां लापरवाही का जिम्मेदार बंदरों को बता दिया जाता है। फिर चाहे वह गंगा एक्सप्रेस वे का दफ्तर हो या बंद हो चुका शेल्टर होम या फिर जिला महिला अस्पताल में स्थित वन स्टॉप सेंटर।65655656यहां एक और गंगा एक्सप्रेस-वे के दफ्तर में महत्वपूर्ण दस्तावेज समेत कंप्यूटर सिस्टम टूटने और खुर्द बुर्द करने का आरोप बंदरों की टोली पर है। वहीं वन स्टॉप सेंटर में लापता हुई लड़कियों समेत शेल्टर होम की लड़कियां लापता होने की घटना में अहम सुराग न लगने की वजह भी वानर सेना ठहराई गई है। 27 सितंबर की रात कलेक्ट्रेट परिसर में स्थित गंगा एक्सप्रेस-वे के दफ्तर में मौजूद तमाम दस्तावेज खुर्दबुर्द हो गए। इतना ही नहीं कंप्यूटर सिस्टम भी क्षतिग्रस्त हुए। दूसरे दिन दफ्तर खोला और इस मामले की भनक अफसरों को लगी तो विभागीय जिम्मेदारों का सीधे तौर पर कहना था कि एक खिड़की खुली रह गई और उसमें से बंदर भीतर दाखिल हो गए।

कंप्यूटर सिस्टम भी तोड़े:- बंदरों ने दस्तावेज फाड़े और कंप्यूटर सिस्टम तोड़ दिए। जिम्मेदारों का दावा यह भी है कि सारे दस्तावेज दुरुस्त कर लिए गए और सिस्टम सही चल रहे हैं। हालांकि खिड़की खुली कैसे रह गई और बंदरों द्वारा उत्पात की भनक किसी को क्यों नहीं लगी इन सवालों का जवाब किसी के पास नहीं है। शहर के मोहल्ला नेकपुर स्थित शेल्टर होम से दो किशोरियां लापता हो गईं। अधिकारियों ने जब वहां लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगालनी चाही तो वार्डन का कहना था कि कैमरे बंदर क्षतिग्रस्त कर गए थे। ठीक इसी तरह सोमवार रात 1 स्टॉप सेंटर से तीन लड़कियां भाग निकलीं और मंगलवार को अफसर मौका मुआयना करने पहुंचे। तब भी जिम्मेदारों का जवाब यही था कि यहां लगे कैमरे और उनकी वायर बंदरों ने क्षतिग्रस्त कर दिए और लड़कियों के जाने की फुटेज उनके पास नहीं है। कुल मिलाकर चूक भले ही किसी की हो लेकिन ठीकरा इस वक्त बंदरों के सिर फोड़ने से जिम्मेदार नहीं चूक रहे।

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